दस महीने में 50 से ज्यादा मकानों में एक करोड़ से ज्यादा की चोरी
सरगना-ज्वेलर्स समेत 11 गिरफ्तार
रायपुर । राजधानी में चोरों के सबसे बड़े गैंग पर कार्रवाई की गई है। राजधानी के आउटर इलाकों की कालोनियों के 50 से ज्यादा मकानों में चोरी करने वाला गैंग पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पिछले 10 महीने में 25 मकानों से चुराए गए 1 करोड़ 20 लाख रुपए से ज्यादा के जेवर नगदी का पता चल गया है। 35 लाख के जेवर तो बरामद भी कर लिए गए हैं। गैंग में शामिल 3 शातिर चोरों के अलावा तीन ज्वेलर्स और बिचौलियों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
चोरों के इस बड़े गैंग का खुलासा करते हुए रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि मार्च के बाद से अब तक ये गैंग लगातार चोरियां कर रहा था। तीनों चोर सृजन शर्मा उर्फ स्वराज, उमेश उपाध्याय और सफीक मोहम्मद रायपुर के अलग-अलग इलाकों में किराये के मकान में रहते हैं। कोई फैक्ट्री में तो कोई किसी दुकान में गार्ड का काम करता था। उसी दौरान तीनों की दोस्ती हुई। उनके साथ गैंग में सराफा कारोबारी बिलासपुर निवासी राजेश कुमार सोनी, भूषण कुमार देवांगन उरला और जय कुमार सोनी मुंगेली भी शामिल हैं। चोरों के जेवर इन्हीं के पास खपाए जाते थे। हर्ष कुमार बंजारे उर्फ गोविंदा, मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी, मेवालाल कश्यप, हेमंत कश्यप, कमलजीत कश्यप उर्फ जीतू इसमें उनकी मदद करते थे। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गैंग लीडर सृजन शर्मा के खिलाफ बिलासपुर में भी चोरी के एक दर्जन मामले पहले से दर्ज हैं।
आईजी के अनुसार सराफा कारोबारी औने-पौने में जेवर खरीदने के बाद उसे तुरंत गलाकर उसकी पहचान मिटा देते थे। सृजन का उरला के कारोबारी भूषण देवांगन से लिंक था। उमेश मुंगेली का रहने वाला है। उसका संबंध जय कुमार से था। सफीक की पहचान बिलासपुर के कारोबारी थे। हालांकि तीनों सीधे सराफा कारोबारियों से नहीं जुड़े थे। उनका परिचय दलालों ने कराया था। वे हर बार दलालों के माध्यम से ही जेवर बिकवाते थे, जिससे उन्हें तुरंत पैसे मिल जाते थे।