6 साल बाद होगा कांकेर चेंबर आफ कामर्स का चुनाव, तैयारी शुरू

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कांकेर। कांकेर चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज व्यापारियों की संस्था है। 6 साल से कांचेका के चुनाव नहीं हो पाए थे। इसकी वजह से संस्था की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग रहे थे। राजादेवनानी,बलराम आहूजा ने प्रेसविज्ञप्ती जारी कर कहा है कि हम लोग कां.चे.का. के सदस्य होने के नाते लगातार कांचेका अध्यक्ष तथा पदाधिकारियों से चुनाव कराने कहते रहे लेकिन उनके ‌द्वारा चुनाव लगातार टाला जाता रहा। अंत में जब कांचेका की काफी किरकिरी होने लगी तब जाकर चुनाव कराना तय किया गया। हम लोगों से पहले शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता नवीश चतुर्वेदी को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था। तब भी कांचेका पदाधिकारियों ने तय सीमा में मतदाता सूचि प्रदान नहीं की जिसकी वजह से क्षुब्ध होकर श्री चतुर्वेदी ने चुनाव अधिकारी बनने से इंकार कर दिया था। इसके बाद फिर से चुनाव को लेकर कांचेका की बैठक रखी गई। बैठक में उपस्थित कांचेका के वरिष्ठ पदाधिकारियों को चुनाव अधिकारी का दायित्व संभालने कहा गया लेकिन कोई भी इस जिम्मेदारी को लेने सामने नहीं आया। कांचेका पदाधिकारियों के आग्रह पर एसी विषम परिस्थिति में हम दोनों ने वर्षों पुरानी संस्था कांचेका को जीवित रखने अति व्यस्तता के बावजूद चुनाव कराने का दायित्व संभाला। जिस कांचेका का चुनाव 6 सालों से नहीं हो पा रहा था उसके चुनाव की पुरी रूपरेखा तैयार की। चुनाव कार्यालय खोला। मतदाता सूचि का प्रारंभिक तथा अंतिम प्रकाशन कराया। नियमावली तैयार की। नामांकन प्रक्रिया सफलता पूर्वक कराई। नामांकन प्रक्रिया के बाद विधिवत नामांकन पत्रों की जांच की गई। जांच के बाद वैध नामांकनों की सूचि जारी की गई। शुरू से कांचेका पदाधिकारियों, प्रत्याशियों तथा सदस्यों का निवेदन आ रहा था की नामांकन पत्रों में छोटी मोटी त्रुटि होने पर उन्हें निरस्त नहीं किया जाए क्योंकि इससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। नामांकन पत्र की जांच के दौरान छोटी मोटी बूटियों को नजर अंदाज किया गया। कुछ नामांकन मैं दस्तावेर्जा की कमी थी जिसके लिए प्रत्याशियों को समय देकर दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा गया। चुनाव को लेकर दो पैनल बन रहे थे तथा दोनों पैनलों ने सौहाद्र पूवर्क चुनाव लड़ने के बजाए आपस में गुटबाजी तेज कर दी। नामांकनों में त्रुटि को लेकर आपत्ती करने लगे। जो आपत्ती वे कर रहे थे वस्तुतः उन्हें समय सीमा में करना था। समय सीमा के बाद आई किसी भी आपत्ती पर विचार करना न्यायोचित नहीं है। इसके बावजूद चुनाव को सौहाद्रपूर्वक संपन्न कराने आपत्तीकर्ताओं के साथ बैठक कर उनकी आपतीयों का समाधान किया गया। इसके बावजूद बैठक से बाहर निकल कर एक पैनल के प्रत्याशियों ने चुनाव अधिकारियों पर अनर्गल तथा झूठे आरोप लगाकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इसके बाद उस पैनल के सभी प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया।
एक पैनल के क्रियाकलाप वास्तव में सौहाद्र खराब करने वाले थे। वास्तव में उक्त पैनल को अपनी हार तय दिख रही थी इसलिए अपनी साख बचाने चुनाव को प्रभावित करने अनर्गल तथा झूठे आरोप लगाते हमारे खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी गई। उनके इस क्रियाकलाप से हमें बहुत ठेस पहुंची है। उनके द्वारा जिस प्रकार चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने तथा सौहाद्र को खराब करने का प्रयास किया गया उससे दुखी होकर चुनाव अधिकारी के पद से इस्तीफा कार्यकारी अध्यक्ष कांचेका दिलीप खटवानी को सौंप दिया है। इसके बाद चुनाव संबंधित किसी भी कार्य में हम लोग अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे।

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