देश में सच्चे हिन्दू रक्षक की बात हो तो पहला नाम दिलीप सिंह जूदेव का ही आएगा : श्याम कुमार गुप्ता

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देश के सबसे ज्यादा धर्मांतरण का गढ़ रहा रायगढ़ जशपुर जिला जिसे जूदेव जी ने बचाया

घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। लगातार देश और प्रदेश में हो रहे धर्मान्तरण की घटना को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय विचार धारा से जुड़े श्याम कुमार गुप्ता ने हिन्दू हृदय सम्राट दिलीप सिंह जूदेव को याद किया, जिन्होंने धर्मांतरण को रोकने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्याम किशोर ने कहा, देश के बहुसंख्यक सनातन धर्म, संस्कृति को जितना तेजी से खत्म करने के षड़यंत्र पूरी दुनिया में धर्मान्तरण के माध्यम से हुए हैं जिसमें सबसे ज्यादा भारत और भारत के छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जशपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। आज भी सिर्फ हिंदुओं को तोड़ने के कार्य हो रहे हैं फिर ये अपेक्षा भी हो रही है कि देश में एकता अंखडता की बात क्यूँ सफल नहीं हो रहा है । कैसे होगा मुगलों, अंग्रेजों के दलाल जो सक्रिय हैं। श्री गुप्ता ने कहा – देश के इतिहास में गुरु गोविन्द जी, शिवाजी महराज जैसे महान योद्धाओ ने सनातन धर्म को बचाए रखा। वहीं देश की आजादी के बाद देश में सनातनी हिंदुओ को पिछले 35 सालों से अगर किसी ने बचाने के प्रयास किए तो वे हैं पूर्व केंद्रीयमंत्री और हिन्दू हृदय सम्राट स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव। सही मायने में आज देश को इनकी सबसे ज्यादा उनकी जरूरत है। क्योकि अंग्रेजों, मुगलों के गुलाम होने के कारण सबसे ज्यादा धर्मान्तरण के शिकार भी सनातन धर्म बहुसंख्यक ही हुए। जिसका सबसे ज्यादा टारगेट छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जशपुर जिला रहे। जिसे जशपुर राज परिवार के कुमार साहब दिलीप सिंह जुदेव पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार ने समझा और गरीब बाहुल्य आदिवासी समाज के लोगों को षड़यंत्र पूर्वक धर्मान्तरण कर इसाई बनाने के कार्य को रोकने के मुहीम में दिलीप सिंह जुदेव ने पूरी ताकत झोंक दी। यह पूरा कथन राष्ट्रीय विचार धारा से जुड़े देशभक्त श्याम कुमार गुप्ता के है जिन्होंने कहा की मैं राष्ट्रीय विचारधारा सर्व धर्म को मानने वाला व्यक्तित्व हूँ पर लागातार आज भी सनातन धर्म संस्कृति के ऊपर हो रहे साजिश के विरोध करता हूँ । श्री गुप्ता ने कहा -हमारी सनातन धर्म के युवा पीढ़ी को खुलकर आगे आना पड़ेगा। धर्मान्तरण के खिलाफ पूरेे देश को एक साथ जोड़ने के लिए हमें एक-दूसरे के धर्म-पंथ के सम्मान बिना भेदभाव के करना होगा। सनातन धर्म से जुड़े सभी पंथों के लोगों के भावनाओं और उनके पूजा आस्था कोे आगे आकर सम्मान देना पड़ेगा। देश में जहां धर्म-जाति की गन्दी राजनीति अपने चरम सीमा पर है l अब धर्मों के सभी महागुरुओं की जिम्मेदारी है कि देश को एक सूत्र में बांधने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करे। क्योंकि सनातन धर्म संस्कृति ने तो विश्व को कुटुंब माना ही है वो हर जगह जाकर मत्था टेकता है। दिलीप सिंह जुदेव के स्वर्गीय होने के बाद लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करने का कार्यभार उनके सुपुत्र प्रबल प्रताप सिंह जुदेव ने उठाया है। प्रबल प्रताप सिंह के इस कार्य से स्व.दिलीप सिंह जुदेव का नाम सदियों तक हवाओं में तैरता रहेगा।

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