कवर्धा जिले के स्वास्थ्य विभाग में व्यापक फेरबदल
विकासखंड स्तर पर पदस्थापन से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद
कवर्धा। राज्य सरकार की प्रशासनिक सुधार और स्थानांतरण नीति के तहत कवर्धा जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा फेरबदल किया गया है। आदेश क्रमांक 489/एनएचएम/2025 के अनुसार, चार विकासखंडों के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) का स्थानांतरण किया गया है। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में दक्षता और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। हाल ही में चार विकासखंडों के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर बीपीएम का स्थानांतरण किया गया है,आदेश क्रमांक 489/एनएचएम/2025 के अनुसार, चारो ब्लॉक मे बी पी एम का विकासखंड मे स्थातरण किया गया है,जिनसे नई जिम्मेदारियों के साथ अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सेवा सुधार की उम्मीद की जा रही है।
जारी आदेश के अनुसार :
रुपेश साहू जो पूर्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में कार्यरत थे, अब कवर्धा विकासखंड में अपनी सेवाएं देंगे।
सौरभ तिवारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया से लोहरा स्थानांतरित किया गया है।
संगीता भगत, जो स.लोहरा केंद्र में पदस्थ थीं, को अब पंडरिया में नियुक्त किया गया है।
प्रदीप सिंह ठाकुर को पंडरिया से स्थानांतरित कर बोड़ला भेजा गया है।
यह फेरबदल जिला मे खंड स्वास्थ्य प्रबंधन में एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है। ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदारियों में बदलाव से कई महत्वपूर्ण सुधारों की संभावना है।सेवाओं में गुणवत्ता और गति:तथा प्रबंधकों के अनुभव और दृष्टिकोण से स्थानीय स्वास्थ्य योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आने की उम्मीद है। स्थानांतरित अधिकारियों से स्वास्थ्य विभाग और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बीच समन्वय में सुधार होगा, जिससे नीतियों का अधिक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।संभव है कि नवीन ऊर्जा और कार्यशैली: नई जिम्मेदारियां मिलने से प्रबंधकों में कार्य के प्रति उत्साह बढ़ेगा, जिससे सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार होगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को अधिक व्यापक और कुशल बनाया जा सकेगा। इस बदलाव से स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों की चुनौतियों का बेहतर समाधान और मरीजों को शीघ्रता से सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इन परिवर्तनों से स्पष्ट है कि शासन की प्राथमिकता बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन और प्रभावी सेवा वितरण है। यह पहल कवर्धा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा दे सकती है और भविष्य में इसे एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित कर सकती है।