January 31, 2025

चिकित्सकों का स्थान समाज में सबसे ऊंचा, अध्ययन के दौरान छात्र न लें तनाव : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

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जिसे ध्यान करना आ गया, उसे सहना आ गया और जिसे सहना आ गया उसे जीना आ गया : अरविंद मुनि

पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा छात्रों और चिकित्सकों को जैन मुनि श्री अरविंद ने सिखाये जीवन में तनाव प्रबंधन के तरीके

रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आज पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में जैन गुरु आचार्य श्री अरविंद मुनि की उपस्थित में तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। आचार्य श्री अरविंद मुनि ने चिकित्सा छात्रों एवं चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान ने मनुष्य को इतना सुंदर बनाया है लेकिन तनाव की वजह से वह अपना चेहरा बिगाड़ लेता है। तनाव यानी टेंशन का मूल कारण समझ में नहीं आ रहा है जबकि इसका मूल कारण मन की चंचलता है। मानव मस्तिष्क में मिनट दर मिनट विविध प्रकार के विचार उत्पन्न होते हैं। चौबीस घंटे में से यदि आधा घंटा भी ध्यान करते हैं तो दिन के साढ़े तेईस घंटे निगेटिविटी यानी नकारात्मकता में जा रहे हैं।

ईश्वर की आराधना, भक्ति भावना, पूजा-पाठ और नाम सुमिरन के जरिये जीवन में सकारात्मकता आती है। नकारात्मकता को खत्म करने का सबसे अच्छा उपाय है- ध्यान। अभी करो, अभी पाओ, अभी सीख जाओगे… के ध्येय वाक्य के साथ मैं आपको जीवन में तनाव कम करने के लिए ध्यान सिखाने आया हूं। ध्यान सबसे बड़ी कला, सबसे बड़ा जादू है जिसे ध्यान करना आ गया उस व्यक्ति में असंभव कार्य को संभव करने की क्षमता आ जाती है। सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने का प्रमुख साधन ध्यान है। चाहे कोई भी बीमारी हो, कितना भी कष्ट हो ध्यान से उसे सहने की शक्ति आ जाती है। जिसे ध्यान करना आ गया, उसे सहना आ गया और जिसे सहना आ गया उसे जीना आ गया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आचार्य अरविंद मुनि को बताया कि राज्य का सबसे पुराना और सबसे बड़ा चिकित्सा महाविद्यालय होने के कारण इस संस्थान से सभी लोगों को बहुत उम्मीद है। न केवल राज्यभर बल्कि पड़ोसी राज्यों के मरीज भी यहां उपचार के लिए आते हैं। पिछले एक सालों में यहां की ओपीडी और आईपीडी मरीजों की संख्या में इज़ाफा हुआ है। अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का विस्तार करते हुए 700 बिस्तर क्षमता वाले एकीकृत नवीन अस्पताल भवन के निर्माण के लिए 231 करोड़ का ई टेंडर जारी हुआ है।

संभवतः देश का ऐसा पहला राज्य होगा जिसने शासकीय मेडिकल कॉलेजों में वित्तीय सुधार की दिशा में सबसे बड़ी पहल करते हुए डीन और एम. एस. के वित्तीय अधिकारों की सीमा बढ़ाई है। चिकित्सा छात्रों को वर्चुअल डिसेक्शन की सुविधा भी जल्द मिलने वाली है। यह गर्व की बात है कि हम ऐसे देश में जन्म लिए हैं जहां डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। भारत बहुत वैभवशाली देश है। भारत ने विश्वगुरु के रूप में पूरे विश्व का नेतृत्व किया है। यह विज्ञान का केंद्र था। तक्षशिला और नालंदा ज्ञान के केंद्र थे। चीनी दार्शनिकों ने ज्ञान के इन केंद्रों में अध्ययन किया और अपनी पुस्तकों में इसका जिक्र किया है। आज बड़ी-बड़ी देशों में भारत की प्रतिभाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मैंने इसलिए कराया कि जीवन में तनाव नहीं लेना चाहिए। अपने छात्र जीवन के अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने फिजिकल केमेस्ट्री से एम. एस. सी. किया है। उन दिनों में गांव में लाइट की व्यवस्था नहीं रहती थी। इसके बावजूद मैंने पढ़ाई के दौरान कभी तनाव नहीं लिया। दबाव या तनाव में पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। आशा करता हूं कि आप लोग हमारे देश को आगे ले जायेंगे। आपके दम पर हमारे देश आगे बढे़गा। इमारत से कभी कोई संस्थान विकसित नहीं होता जब तक उस मंदिर में आस्था नहीं होगी लोग वहां नहीं आएंगे। लोगों का आपके प्रति जो आस्था है उसको सदैव बनाये रखियेगा। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. नेरल ने इस प्रकार के आयोजन से मिलने वाले लाभों का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य मंत्री एवं जैन मुनि के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकगण एवं चिकित्सा छात्र काफी संख्या में उपस्थित रहे।

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