डब्लूएफआई को फिर निलंबित करने की मांग

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ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया की यूडब्लूडब्लू से अपील

नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने गुरुवार को कुश्ती की वैश्विक संचालन संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग से भारतीय कुश्ती महासंघ को फिर से निलंबित करने की अपील करते हुए कहा कि संजय सिंह की अगुआई वाली संस्था को बहाल करने से पहलवान ‘खतरे और उत्पीड़न’ के दायरे में आ गए हैं। यूडब्लूडब्लू ने मंगलवार को भारत पर लगा अस्थाई प्रतिबंध हटा दिया लेकिन राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया कि वह लिखित गारंटी दे कि विरोध कर रहे पहलवानों बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ कोई भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बजरंग ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अपने हैंडल में साझा किए पत्र में लिखा, ‘इस फैसले से भारतीय पहलवान एक बार फिर डब्लूएफआई सदस्यों से खतरे और उत्पीड़न के दायरे में आ गए हैं।’ समय पर चुनाव नहीं कराने के लिए यूडब्लूडब्लू ने पिछले साल 23 अगस्त को डब्लूएफआई को निलंबित कर दिया था। कई अड़चनों के बाद अंतत: डब्लूएफआई के चुनाव हुए और संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया। बजरंग ने कहा, ‘हम पहलवान आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया विभिन्न माध्यमों से अनुचित कार्यों और उत्पीड़न के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन करें। भारतीय पहलवान न्याय और निष्पक्ष एवं सुरक्षित खेल के अपने अधिकारों के लिए आपकी ओर देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप भारत में स्वच्छ और निष्पक्ष खेल गतिविधियों का समर्थन तथा डब्लूएफआई के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के हमारे अनुरोध पर विचार करेंगे।’
डब्लूएफआई कर रही मनमानी
टोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने यूडब्लूडब्लू को याद दिलाया कि भारत के खेल मंत्रालय ने पिछले साल 27 दिसंबर को ‘कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के भीतर गंभीर विसंगतियों’ का हवाला देते हुए डब्लूएफआई को निलंबित कर दिया था। खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने कुश्ती की गतिविधियों के संचालन और प्रबंधन के लिए एक तदर्थ समिति का गठन भी किया। बजरंग ने कहा, ‘इन प्रयासों के बावजूद निलंबित डब्लूएफआई के सदस्यों ने कथित तौर पर मनमाने और खेल मंत्रालय से मान्यता के बिना खेल गतिविधियों का संचालन करना जारी रखा।’

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