छत्तीसगढ़ बालिका हॉकी टीम बनी चैम्पियन
राउरकेला में आयोजित अखिल भारतीय महिला हॉकी प्रतियोगिता
- 1-1 गोल की बराबरी के बाद शूटआउट भी बराबर रहा,सडन डेथ से मैच का निर्णय
राजनांदगांव। राउरकेला में प्रथम अखिल भारतीय सब जूनियर महिला ग्रास रूट हॉकी प्रतियोगिता 11 मार्च से बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित किया गया। छत्तीसगढ़ हॉकी टीम ने प्रतियोगिता में फाइनल मैच जीतकर खिताब अपने नाम किया। फाइनल में ओड़िशा कुटरा टीम से मैच एक-एक गोल बराबरी के पश्चात शूटआउट भी बराबर रहा और मैच का निर्णय सडन डेथ से छत्तीसगढ़ के पक्ष में आया। फाइनल मैच में केसर, वसुंधरा, ख्वाइश के एक गोल तथा सिमरन के दो गोल की बदौलत छत्तीसगढ़ टीम ने विपक्षी टीम को पराजित किया।
छत्तीसगढ़ टीम में श्रेया, तहजीब, राशि, परिधि, सिमरन,वसुंधरा, ख्वाइश, श्यामली, सुरेखा, माउली, केसर, गीतू, प्रियांशी, काजल, सुधा, गीताश्री एवं पल्लवी का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का अवार्ड श्रेया देवांगन को प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ हॉकी टीम के खिलाड़ियों को खेले गए फाइनल मैच में पहली बार दूधिया रौशनी में खेलने का अवसर मिला । टीम की जीत पर राजनांदगांव के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडे, महापौर हेमा देशमुख, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, छत्तीसगढ़ हॉकी अध्यक्ष फिरोज अंसारी, महासचिव मनीष श्रीवास्तव, पूर्व महापौर नरेश डाकलिया, कोषाध्यक्ष आशा थॉमस, उपाध्यक्ष डी. रविशंकर, गोपेस्वर कहरा, अंसार अहमद, गजेंद्र शर्मा, अमिताभ मानिकपुरी, हरिंदर सिंह, नीलम चंद जैन, विनीता नवघरे, रश्मि संध्या एक्का, जिला हॉकी संघ के सचिव शिवनारायण धकेता, भूषण साव, आशा थामस, ज्ञानचंद जैन, गणेश प्रसाद शर्मा, अनुराज श्रीवास्तव, अब्दुल कादिर, गुणवंत पटेल, प्रिंस भाटिया, कुमार स्वामी, राजू रंगारी, शकील अहमद, किशोर धीवर, सचिन खोब्रागडे, अभिनव मिश्रा, अनीस राज़, अमित माथुर, जावेद खान, कृष्णा यादव आदि ने टीम को शुभकामनाएं दी।
अच्छे खेल का किया प्रदर्शन
टीम के कोच अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मृणाल चौबे ने बताया कि इस प्रकार के प्रदर्शन से खिलाड़ी में आत्मविश्वास बढ़ता है। इन छोटे खिलाड़ियों द्वारा प्रतियोगिता के प्रत्येक मैच में अपने अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखना, इनके सुनहरे भविष्य का परिचायक है। छत्तीसगढ़ हॉकी अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने बताया कि यह पहला अवसर है, जब राष्ट्रीय स्तर के हॉकी प्रतियोगिता में बालिका टीम अपराजित रही।