कृषि मंत्री रामविचार नेताम से मिला चेम्बर प्रतिनिधि मंडल, मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट देने की मांग की
ट्रेडर्स व्यापारियों, किराना, दलहन एवं अनाज पर मण्डी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने एवं पोहा उद्योगों को मंडी टैक्स से पूर्णतः मुक्त करने की मांग की
रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 08 अगस्त गुरुवार को चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में कृषि मंत्री रामविचार नेताम से मुलाकात कर ट्रेडर्स व्यापारियों, किराना, दलहन एवं अनाज पर मण्डी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने तथा कृषि उपज धान आधारित खाद्य प्रसंस्करण पोहा उद्योगों को राहत देने के लिए अनुरोध करते हुए पत्र सौंपा। इस संबंध में कृषि मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने पत्र के माध्यम से माननीय कृषि मंत्री जी को बताया कि मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में विसंगति होने के कारण मंडियों से प्रतिस्पर्धा पूर्ण रूप से से समाप्त हो गई है जिसका नुकसान कृषक एवं टेडर्स व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है।
श्री पारवानी ने कहा कि किराना, दलहन एवं अनाज पर विगत कई वर्षों से मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान की जाती रही है इससे प्रदेश के व्यवसायी पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धा दरों में व्यापार कर पाते हैं। विगत वर्ष भी इसमें छूट प्रदान की गई थी। श्री पारवानी ने आगे बताया कि कृषि उपज धान आधारित ,खाद्य प्रसंस्करण पोहा उद्योगों को राहत देने हेतु पोहा एवं मुरमुरा संबंधी लघु उद्योगों हेतु विद्युत दरों में 50 प्रतिशत की कमी की जाये, पोहा उद्योगों को मंडी टैक्स से पूर्णतः मुक्त किया जावे। लघु उद्योग रोजगार मूलक उद्योग है अतः नगर की सीमा में आने वाले खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को संपत्ति कर से पूर्णतः मुक्त रखा जावे जिससे कि पोहा उद्योगों को राहत मिल सके।
उपरोक्त विषयों पर कृषि मंत्री माननीय श्री रामविचार नेताम जी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही। इस अवसर पर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष-राम मंधान, मंत्री-गोविंद माहेश्वरी, जवाहर थौरानी, अमरलाल सचदेव एवं अंबिकापुर से रविन्द्र तिवारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।