विधानसभा से इस्तीफा देते वक्त भावुक हो गए बृजमोहन
सदन में बृजमोहन की कमी खलेगी: डॉ. रमन
रायपुर। राजधानी रायपुर से नवनिर्वाचित सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मौलश्री स्थित निवास कार्यालय में विधानसभा सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देते वक्त बृजमोहन अग्रवाल भावुक हो गए। पूर्व तय कार्यक्रम के मुताबिक बृजमोहन अग्रवाल 19-20 जून को इस्तीफा देने वाले थे परंतु सोमवार को दोपहर संगठन की तरफ से उन्हें तुरंत इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल के साथ विधायक अजय चंद्राकर, अनुज शर्मा, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत, इंद्रजीत साहू और राजेश मूणत सहित पूर्व सांसद सुनील सोनी व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय भी शामिल रहे। विधायकी से इस्तीफा देने के बाद भी संविधान के अनुसार उनका मंत्री पद छह महीने तक बना रह सकता है। मुख्यमंत्री अपनी सुविधानुसार उन्हें कभी भी मंत्री पद से मुक्त कर सकते हैं।
अब तक जैसे मोहन था आगे भी वैसा ही मोहन रहेगा
दक्षिण विधानसभा के लिए तो अभी से ही भाजपा से लेकर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी आला कमान के सामने पेश कर रहे हैं। इसी बीच त्यागपत्र देने के बाद बृजमोहन ने कहा कि जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, तो बहुत कुछ छोडऩा भी पड़ता है। अब नई ऊर्जा के साथ रायपुर लोकसभा और छत्तीसगढ़ के लिए काम करूंगा। अपनी जनता के लिए जैसे उनका मोहन था, आगे भी वैसा ही उनका मोहन रहेगा।
बृजमोहन के रहने से सदन भरा-भरा रहता था: डॉ. रमन
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बृजमोहन ने विधिवत तरीके से विधायक पद से इस्तीफा दिया है। उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकृत कर लिया गया है। उनके बड़े सदन में जाने की खुशी भी है। उनके रहने से विधानसभा भरा- भरा लगता है और पूरे विधानसभा को उनकी उपस्थिति का एहसास होता है। वे विद्वता के साथ बात प्रस्तुत करते हैं। सभी नए विधायकों को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा। लेकिन उनकी कमी भी हमें महसूस होगी। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली जा रहे हैं तो एक बड़े पद की ओर आगे बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ की बातों को दिल्ली के हाउस में रखने का मौका मिलेगा। केंद्रीय मंत्रियों के बीच जाकर छत्तीसगढ़ की आवश्यकताओं को बताने का अवसर मिलेगा। कांग्रेस द्वारा ऑफर दिए जाने पर उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को पता नहीं क्या हो गया है। जिस प्रकार के बयान बाजी हो रही है ऐसा लगता है कि, वे संतुलन खो बैठे हैं। केंद्रीय मंत्री बनाने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क़ा विशेषाधिकार है। प्रधानमंत्री इस पर अपने विवेक से निर्णय लेते हैं। यह हम लोगों के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। बृजमोहन अग्रवाल को राज्य के राजनीति से दूर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस प्रकार की बात करते हैं और मजे लेते हैं। यह बड़ी उपलब्धि रहती है। जब हम लोकसभा के लिए जाते है तो बड़े कैनवास और बड़े स्तर पर काम करने के लिए जाते हैं। इससे नए दरवाजे खुलते हैं।
जनप्रतिनिधि, राजनेता के रूप में बृजमोहन का सुदीर्घ कार्यकाल अविस्मरणीय: सीएम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक लंबी और यशस्वी पारी के बाद मेरे कैबिनेट सहयोगी बृजमोहन अग्रवाल ने इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से लोकसभा चुनाव में जीत प्राप्त की है। सांसद बनने के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने आज विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया। जनप्रतिनिधि, राजनेता के रूप में बृजमोहन अग्रवाल का सुदीर्घ कार्यकाल अविस्मरणीय है। लोकसभा में भी उनके यशस्वी कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं।