सरकार की नई नीति से मिलेगी ब्रांडेड शराब

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अंग्रेजी ब्रांड की शराब के सस्ते होने के भी आसार

रायपुर । प्रदेश में भाजपा की सरकार ने कांग्रेस सरकार की शराब नीति को बंद को कर अब पहले भाजपा सरकार की नीति को फिर से अपनाया है । ऐसे में अब आने वाले दिनों इसका असर भी शराब दुकानों में देखने को मिलेगा और माना जा रहा है कि शराब प्रेमियों को अब ब्रांडेड शराब शराब दुकानों से मिलने लगेगी । छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने शराब की एफएल10 लाइसेंस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इस फैसले के बाद सरकार ये दावा कर रही है कि शराब खरीदी में बिचौलियों का रोल पूरी तरह खत्म हो जाएगा। साय सरकार का ये भी आरोप है कि एफएल10 लाइसेंस व्यवस्था की वजह से ही पिछली कांग्रेस सरकार में शराब के कारोबार में 2200 करोड़ का घोटाला हुआ।
छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक आबकारी आयुक्त रहने वाले पूर्व आईएएस गणेशशंकर मिश्रा बताते हैं कि एफएल10 लाइसेंस की व्यवस्था साल 2017-18 में बनी थी, जो लागू नहीं हो पाई। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद पुराने अधिनियम में संशोधन करते हुए एफएल10 की व्यवस्था फरवरी 2020 में लागू की गई। इसके बाद थर्ड पार्टी ही सरकार को शराब की सप्लाई करने लगी। इसमें बड़ा कमीशन थर्ड पार्टी कमा रही थी। इस वजह से ही कांग्रेस शासन काल में 2200 करोड़ का शराब घोटाला हुआ ।
गणेशशंकर मिश्रा का कहना है कि बेवरेज कॉर्पोरेशन अगर सीधे शराब निर्माता कंपनियों से शराब खरीदी करता है तो इससे ग्राहकों को फायदा होगा। बिचौलियों के हटने से आम उपभोक्ता को शराब कम कीमत में मिलेगी। नई व्यवस्था में शराब की कीमतों में सरकार का नियंत्रण रहेगा। नई व्यवस्था के तहत एफएल10 को जो कमीशन मिलता था, उसे कम करके ही शराब कंपनियां रेट कोट करेंगी। इससे शराब की कीमतें स्वाभाविक तौर पर कम होंगी। शराब में बदली गई व्यवस्था दो महीने में शुरू करने की तैयारी चल रही है। विभाग ने स्नरु-10 लाइसेंसधारी कंपनियों को 2 महीने में स्टॉक खत्म करने के निर्देश दिए हैं। जितना स्टॉक बचेगा, उसे शराब कंपनियों को लौटाया जाएगा। साथ ही सरकार उनकी लाइसेंस फीस भी लौटाएगी।

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