पैराडाइज स्कूल में बसंत पंचमी और मातृ-पितृ दिवस मना
पुलवामा के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
कांकेर। पैराडाइज हायर सेकेण्डरी स्कूल मे बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर सभी बच्चों ने माता सरस्वती का वंदन करते हुये ज्ञान प्रदान करने एवं जीवन मे श्रेष्ठ कार्य करने की प्रार्थना की प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी के बच्चों ने सुमधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। सभी क्लास के बच्चों ने सरस्वती वंदना गाकर श्रेष्ठ ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना की। 14 फरवरी के अवसर पर पैराडाइज स्कूल मे मातृ पितृ दिवस का आयोजन कर बच्चों के माता-पिता को विद्यालय में आमंत्रित कर उनके बच्चों के द्वारा माता-पिता का आदर वंदन करते हुये उन्हे तिलक लगाकर उनकी आरती एवं चरण स्पर्श द्वारा किया गया इस अवसर पर प्राचार्य रश्मि रजक द्वारा बच्चों के जीवन में माता-पिता की भूमिका एवं उनकी हमारे जीवन में महत्व के बारे में बताया। हम माता-पिता का आदर एवं सम्मान उनके आज्ञा पालन एवं हमारे जीवन में अच्छे कार्यो के द्वारा भी प्रकट कर सकते है। इस दिवस पर अधिक संख्या पालकों ने स्कूल आकर अपने बच्चों को आशीर्वाद प्रदान किया।
पैराडाइज के मिडिल स्कूल के बच्चों के लिये पुलवामा में शहीद हुये भारतीय अमर अमर शहीद जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया। प्राइमरी एवं मिडिल कक्षाओं के बच्चों ने लेख एवं विभिन्न चित्रों के माध्यम से वीर शहीदों की वीरता को प्रदर्शित करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित किया।
बच्चों को माता-पिता के प्रति आदर एवं सम्मान तथा भारतीय वीर शहीदों को समर्पित श्रद्धांजलि सभा को संपन्न कराने मे प्राचार्य रश्मि रजक, मैनेजर योगेश रजक, उप प्राचार्य हरिन्द्र गोलुगिरी, एडमिनिस्ट्रेटर हमीद खान वरिष्ठ शिक्षक रूबी खान, पवित्र बढ़ाई, अरबिंद माहतो, दीपांजली गोगोई, स्वाति गुप्ता, वर्षा रमानी, एस. मर्सी, मेघा सेवा, शबाना परवीन, तीरथ साहू, कृष्णापद कुंभकार, इतिश्री गोलुगिरी, सुचिस्मिता खान, जीतू दास माण्डले, भारती सेठिया, प्रतीक सिंह ठाकुर, संगीता भारती, अनिल कुमार ढाके, रीया सोनी, प्रीतिलता सोरी, सरिता मिश्रा, अवतार सिंह, शिखा मेहरा, आकांक्षा यादव, टाकेश्वर साहू, उज्जवल निर्मलकर, सुकदेव सरकार, रामेश्वरी साहू, नोमन साहू, ज्योति सलाम, अपूर्वा ठाकुर, शांतिलीना नेताम, तुलसी निषाद, प्रियंका शुक्ला, शशिकांत देशमुख, यमुना बेलोधिया, लक्ष्मीनारायण, रूमा मजूमदार, आदि शिक्षकों का विशेष योगदान रहा है।