पर्यटन भवन में जीत आर्य का कब्जा, 23 लाख वसूली का नोटिस थमाया
जगदलपुर (न्यूज टर्मिनल)। बस्तर की कला-संस्कृति को प्रमोशन देने वालों की सूची में एक बड़ा नाम जीत आर्य का भी है, जिन्हें छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने करीब 23 लाख रुपए का नोटिस थमाया है। टूरिज्म बोर्ड के डोकरा क्राफ्ट परिसर पर्यटन भवन के दो कमरों पर जीत आर्य के आमचो बस्तर का कब्जा है, जिसे टूरिज्म बोर्ड ने किराए पर दिया था। नोटिस में बताया गया है कि जनवरी 20 से अक्टूबर 23 तक का किराया नहीं चुकाया गया है। नोटिस में जीत आर्य से 22.93 लाख रुपए तत्काल जमा करके भवन खाली करने को कहा गया है ।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक ने जीत आर्य को नोटिस जारी करके कहा है कि डोकरा क्राफ्ट परिसर स्थित पर्यटन भवन सूरज महिला समूह द्वारा 2016 से भवन के दो हॉल में व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था। जीत आर्य इस समूह के समन्वयक की हैसियत से दोनों हाल का उपयोग कर रहे हैं। वर्ष 2019 में भी छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने किराए की राशि अदा करने का नोटिस जारी किया था परंतु उस वक्त भी यह राशि अदा नहीं की गई।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक ने नोटिस में कहा है कि जनवरी 20 से अक्टूबर 23 तक 46 महीनों की अवधि का किराया अब तक जमा नहीं किया गया है। यह राशि 22 लाख 93 हजार होती है। प्रबंध संचालक ने जीत आर्य से कहा है कि यह राशि तत्काल जमा करके परिसर को खाली किया जाए ताकि वहां से पर्यटन मंडल की गातविधियों को संचालित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि बस्तर प्रदेश में पर्यटन का बड़ा केंद्र है, जहां देश के अलावा विदेशी पर्यटकों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में बस्तर के कई सामाजिक संस्थाएं व एनजीओ ने अपने राजनीतिक रसूख का दुरुपयोग करके सरकारी भवनों पर कब्जा कर रखा है। इससे सरकारी विभागों को आर्थिक रूप से नुकसान तो हो ही रहा है पर्यटन के प्रमोशन के लिए उन्हें जगह नहीं मिल पा रही है। इस मामले में प्रश्न यह उठता है कि लाखों रुपए का किराया बाकी होने के बाद छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड आमचो बस्तर के संचालक से किराए की राशि क्यों वसूल नहीं कर पा रही है तथा उसे अपने परिसर से बेदखल क्यों नहीं कर पा रही है। इस पूरे प्रकरण में बस्तर में पदस्थ छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अफसरों की भूमिका संदेहास्पद है क्योंकि प्रबंध संचालक के आदेश को क्रियान्वित कराने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों की है।