कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने मनाया अभियंता दिवस, 24 अभियंताओं का किया सम्मान
रायपुर। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज रायपुर द्वारा डॉ. विश्वेश्वरैया को सादर स्मरण एवं नमन करते हुए उनकी जयंती (अभियंता दिवस) के अवसर पर आशीर्वाद भवन रायपुर में समाज के 24 अभियंताओं का सम्मान किया गया। साथ ही माता-पिता, सास-ससुर आदि की सेवा करने वाले उत्कृष्ट परिवारजनों के सदस्यों को भी सेवा सम्मान प्रदान किया गया। इन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रमुक अभियंता लोस्वायां विभाग एके बाजपेयी थे। विशेष अतिथि के रूप में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर अध्यक्ष अरूण शुक्ल ने बताया कि समाज वर्ष भर लगातार सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। आज उसी कड़ी में समाज के अभियंताओं को सम्मानित किया गया एवं एक नया सम्मान का कार्यक्रम जो कि सेवा भावना के प्रति श्रवण कुमार से प्रेरित होकर समाज के उन सभी सदस्यों का सम्मान किया गया, जिन्होने अपने परिवारजनों की सेवा नि:स्वार्थ सेवा भावना से की एवं समाज के लिए एक प्रेरणा बने। सचिव सुरेश मिश्र ने कहा कि आज मंच पर इंजीनियर और डॉक्टर के रूप में हमारे अतिथि आए हैं। ये हमारे लिये सौभाग्य की बात है। सम्मान देने से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है एवं एक प्रेरणा के रूप में लिया जाता है। इस अवसर पर सचिव सुरेश मिश्रा, संयोजक प्रसून दीक्षित, उपाध्यक्ष एवं संयोजिका निशा अवस्थी, प्रभात पाण्डेय, अभिनीत शुक्ल, निशा पाण्डेय, सुनयना शुक्ला, उपाध्यक्ष राघवेन्द्र मिश्र, निशा अवस्थी, सहसचिव रज्जन अग्निहोत्री, सह सचिव गौरव शुक्ल, अतुल पाण्डेय, नीता अवस्थी, साजेंद्र पांडेय, राजेश त्रिवेदी, देवेन्द्र पाठक, अर्चना त्रिवेदी, हेमन्त तिवारी, प्रशांत तिवारी, इन्द्र कुमार तिवारी, अभिषेक मिश्रा, शशिकांत मिश्रा, प्रकाश अवस्थी, विजय शुक्ला, रीता पाण्डेय, सुशील तिवारी, चन्द्रिका शंकर बाजपेयी, गिरजाशंकर दीक्षित, सीमा शुक्ला, नीलिमा शुक्ला, अनिल शुक्ला, अनुराग शुक्ला, सुधा शुक्ला, जिज्ञासा त्रिवेदी, दीपक तिवारी, प्रीति मिश्रा, ममता मिश्रा, राहुल शुक्ला मोंटी, जयंत मिश्रा, प्रभात मिश्रा बिलासपुर, ज्ञान अवस्थी, अनिरूद्ध पाण्डेय, प्रमोद दीक्षित, रविन्द्र शुक्ल, गीतांजलि अवस्थी, श्रीकांत अवस्थी, शिरीष त्रिवेदी, सरिता दीक्षित, प्रेमलता त्रिवेदी, अभिलाषा तिवारी, अजय त्रिवेदी, विजय त्रिवेदी, एनएल शुक्ला, मोहन दुबे सहित समाज के महिला और पुरूष बड़ी संख्या में उपस्थित थे।