आदिवासी समाज का बड़ा फैसला : दूसरे समाज में शादी की तो एक लाख का जुर्माना
नारायणपुर। प्रेम विवाह के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए नारायणपुर में आदिवासी समाज ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत अब गैर आदिवासी से विवाह करने वाले लड़कियों के परिवार पर एक लाख रुपए का अर्थदंड लगाने का फैसला लिया गया है। वहीं, अर्थदंड की राशि नहीं देने पर सामाजिक बहिष्कार करने की बात कही गई है। यह निर्णय नारायणपुर जिले के सर्व आदिवासी समाज के गोंडवाना समाज के द्वारा सामूहिक रूप से लिया गया है। आदिवासी समाज में सामाजिक बहिष्कार को मृत्युदंड से भी बड़ा दंड माना जाता है। आदिवासियों का जीवन सामाजिक ताने-बाने पर आधारित होता है, ऐसे में समाज से दूरी इनके लिए सबसे बड़ी सजा होती है। जानकारों का मानना है कि समाज को संगठित और बचाए रखने के लिए सामाजिक स्तर पर इस प्रकार का निर्णय लिया गया है। पूर्वजों की परंपरा को दरकिनार कर पढ़े-लिखे युवक-युवतियों दूसरे समाज की लड़कियों से शादी कर रहे, यह समाज के लिए ठीक नहीं है। आदिवासी समुदाय को बचाने गोंडवाना समाज के द्वारा ठोस निर्णय लिया गया है।
जनजातीय संस्कृति को बचाने : जनजातीय संस्कृति के शोधार्थी एवं बस्तर के लोक साहित्यकार शिव कुमार पांडे का कहना है कि आदिवासियों में जन्म से लेकर मृत्यु संस्कार तक सामाजिक रूप से निर्वहन किया जाता है। सामाजिक स्तर पर बायकॉट करना मतलब आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए यह बहुत बड़ी सजा होती है।
प्रेम विवाह को देखकर फैसला : बस्तर में भी प्रेम विवाह के मामले बढ़ने के बाद अब आदिवासी समाज अपने समाज की युवतियों को गैर आदिवासियों युवकों से शादी करने के लिए पाबंदी लगाया जा रहा हैं। यह आदिवासी समाज का बहुत ही बड़ा निर्णय है।