क्षेत्र के बड़े कोयला कंपनी के मलाईदार विभागों में कई-कई वर्षो से खुंटा गाड़े कर्मचारी हो गये मालामाल ?
जांच ऐजंसियों द्वारा इनकी आय के स्रोत खंगाला जाए तो चौंकाने वाले तथ्य हो सकते हैं उजागर ?
घरघोड़ा(गौरी शंकर गुप्ता)। एस.ई. सी. एल. कोयला खदान मे कार्यरत कई ऐसे कर्मचारी है जो वर्षोसे नेता गिरी के बुते पगार खा रहे है भ्रष्ट प्रबंधन व्यवस्था का भरपूर लाभ इसलिए ले पा रहे है जहाँ प्रबंधन भी भ्रष्टाचार के दलदल मे गोते लगा रही होती है क्या ऐसे भ्रष्टाचार कालरी कर्मचारीयों के विरूद्ध कार्यवाही होगी उल्लेखनीय है कि एस.ई. सी. एल. माइंस मे आज भी घर बैठे हाजिरी लगा लेनेपर से ड्यूटी पुरी हो जाती है कंपनी के छोटे से बड़े अधिकारी भी इनके कारनामा को जानते हुए भी इसलिए खामोश रहते है क्योकि उनका पोल ऐसे कर्मियों के पास होती है वर्कशॉप, खदान, ड्राईविंग एवं मशीनरी कल पुर्जे खरीदी जैसे जगहो पर कई ऐसे माइंस कर्मी है वर्षो से पदस्थ है जो एक दो महीने मे चार-पाँच बार कार्य स्थल पर अपना चेहरा दिखा देना पर्याप्त समझते है ऐसे हराम की कमाई खाने वालों की जमात मे ये नेता टाईप के लोग बिना कार्य किये वर्षो से बिना रोक टोक के वेतन ले कंपनी को खोखला बना रहे है वहीं नये-नये तरीके खोजकर अपनी जेब मरने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैएस.ई.सी.एल. कंपनी मे और भी कुछ कर्मचारी है जो अपने नाते रिश्तेदारों के नाम से कोयला खदान मे भारी वाहनों को कोयला ढोने के अलावा दो नंबर का भी कोयला ढुलाई चुपचाप कर लिया जाता रहता है किन्तु एस.ई. सी. एल.से कंपनी मे तमाम भर्राशाही पर्याप्त होने के बावजूद प्रबंध तंत्र द्वारा इसओर ध्यान नही देने के कारण ही तरह -तरह की चर्चाएं आम लोगों की जुबानपर रहती है। यहां आपको बता देना भी उचित होगा कि एस.ई.सी.एल. कंपनी जो कर्मचारी दिखावे नाम पर ड्यूटी बजा रहे है कंपनी या खदान के आस-पास अपने नाम या बेनामी जमीन की खरीदी किये जाने की भी सूत्रों से जानकारी मिली है महसूस होता है कि शायद इनको नाते रिश्तेदार या इनके पुरखे नही है जो और कही जाना नही चाहते और सेवानिवृति होकर एस.ई.सी.एल.कंपनीयां के अगल-बगल आस-पास जमे रहना चाहते समय रहते ऐसे कॉलरी कर्मियों के आय-व्यय का स्त्रोत के बारे गहन छानबीन किया जाता है कंपनी को खोखला बनाने वाले सफेद पोश अधिकारी, कर्मचारी के चेहरे बेनकाब हो सकते है।