नरहरपुर, चारामा व कांकेर ब्लॉक के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक, फ्लोरोसिस की रोकथाम एवं प्रबंधन हेतु कलेक्टर ने ली बैठक
कांकेर । कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में आज फ्लोरोसिस की रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अंतर्विभागीय समन्वय बैठक ली गई, जिले के पेयजल में मौजूद फ्लोराइड की मात्रा पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से ऐसे ग्रामों और जल स्रोतों की जानकारी मांगी, जहां पानी में फ्लोराइड का स्तर अधिक व नुकसानदायक हो।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय सीमा मीटिंग के उपरांत आयोजित अंतर्विभागीय बैठक में
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश शांडिया ने बताया कि फ्लोरोसिस एक सार्वजनिक लोक स्वास्थ्य समस्या है, जो लंबे समय तक पीने के पानी, खाद्य उत्पादों एवं औद्योगिक उत्सर्जन के माध्यम से फ्लोराइड के अत्यधिक सेवन के कारण होता है, जिसके चलते दंत फ्लोरोसिस, स्केलेटल फ्लोरोसिस एवं नान-स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां होती हैं। उन्होंने बताया कि जब फ्लोराईड के स्तर में अत्यधिक वृद्धि होती है, तो यह दांतों और हड्डियों में विकृति, दर्द और हड्डियों के कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
जिला सलाहकार डॉ. विनोद वैद्य ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 07 जिलों में फ्लोराइड की अधिकता पाई जाती है जिनमें कांकेर जिला भी शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल स्त्रोतों में फ्लोराईड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर सीमा से अधिक मिलने पर उस क्षेत्र के समस्त पेयजल स्त्रोतों का परीक्षण प्रयोगशाला से पेयजल स्त्रोत के फ्लोराइड के स्तर की जांच कराई जानी चाहिए। इसके लिए संबंधित विभाग के समन्वय से फ्लोरोसिस से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने, चयनित क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण के व्यापक प्रबंधन, फ्लोरोसिस के रोकथाम, निदान और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। इस पर कलेक्टर ने ऐसे गांवों और उनके पेयजल स्रोतों को चिन्हांकित कर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को दिए। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्रों के स्कूलों , बच्चों सहित समुदाय में फ्लोरोसिस की जांच करने हेतु सीएमएचओ को निर्देशित किया, जिससे मरीजों का चिन्हांकन कर समय पर उनका समुचित उपचार किया जा सके। साथ ही फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए फ्लोराइड की अधिकता से होने वाली बीमारियों की पहचान एवं जागरूकता लाने के भी निर्देश दिए। बैठक में डीएफओ श्री आलोक वाजपेयी, अपर कलेक्टर श्री एस अहिरवार, बीएस उईके, जिला पंचायत के सीईओ श्री सुमित अग्रवाल, जितेंद्र कुर्रे सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।