शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण पर अस्थाई रोक, कर्मचारी संगठनों का था भारी विरोध
एक दिन पहले इस संबंध में सचिव स्तरीय बैठक बेनतीजा रही
रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के फैसले पर सरकार ने ही अस्थायी रोक लगा दी है। एक दिन पहले इस संबंध में सचिव स्तरीय बैठक बेनतीजा रही थी। हालांकि अस्थायी रोक संबंधी आदेश की प्रति नहीं मिली है, लेकिन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा और छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक व प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने रोक लगाए जाने की जानकारी मिलने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने राज्य शासन द्वारा शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण करने के आदेश को रद्द किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह फेडरेशन और शिक्षक के सभी संगठनों के एकता का परिणाम है। उन्होंने कहा, फेडरेशन के दबाव में शासन को अपना आदेश रद्द करना पड़ा। उन्होंने इसका स्वागत करते हुए, इसके लिए फेडरेशन और शिक्षक संगठन के लोगों को बधाई दी है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने इसे फडरेशन की एकता का परिणाम बताते हुए प्रदेश के मुख्य मंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
किरण देव ने सीएम को लिखा था पत्र
कुछ ही दिनों में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव हैं, ऐसे में शिक्षक नेता जिस नेता के यहां ज्ञापन देने जा रहे थे, मजबूरी में ही सही उन्हें रिस्पांस देना पड़ रहा था। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने तो बाकायदा मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था कि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के फैसले पर विचार किया जाए।
इन विषयों पर नहीं बनी बात
शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी से कल छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और शिक्षक संगठनों से चर्चा के दौरान जोर देकर कहा था कि पहले प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक मिडिल व प्रायमरी स्कूल व शिक्षक के रिक्त सभी पदों पर हाई कोर्ट में केविएट लगाकर टाइम लिमिट कर पदोन्नति कीजिए, उन्हें रिक्त पदों पर पोस्टिंग दीजिए। विभाग द्वारा जारी 2008 के सेटअप को यथावत रखा जावे, उससे कम पद स्कूलों में कैसे दिया जा रहा है, इसमे छेड़छाड़ गलत है। साथ ही प्रत्येक विद्यालय का स्वतंत्र यू डाइस कोड हो, उनकी व्यवस्था अलग किया जा सकता है। वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष न किया जाए। कामर्स, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे विषय के लिए छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक बढ़ाए जाएं। आवश्यकतानुसार नए शिक्षकों की भर्ती किया जाने की मांग की गई थी।
गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न कई शिक्षक
स्कूल शिक्षा विभाग में कई शिक्षक गैर शिक्षकीय कार्य में लोक शिक्षण संचालनालय और जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों में पदस्थ है। यहां सेटअप से अधिक लोगों की पदस्थापना की गई है। प्राचार्य और व्याख्याता स्तर के शिक्षकों को मूल पदस्थापना स्थल पर भेजने को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग में इसे लेकर कई शिकायतों के बाद भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।