कित्रीम गर्भाधान की असफलता ने गौ पालक किसानों को किया हताश
घरघोड़ा(गौरी शंकर गुप्ता)। आज ग्रामीण क्षेत्र के किसान जीविको पार्जन के लिए दुग्ध व्यवसाय को अपना व्यवसाय के रूप में चयन कर रहे हैं,किंतु गौ पालक किसानों को पशु विभाग का किसी भी प्रकार का सहायता नही मिलता है, जबकि शासन द्वारा गौपालक किसानों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था सहित टीकाकरण, कित्रिम गर्भाधान को प्रमुखता से किए जाने में पशु विभाग और विभाग के कर्मचारी कही भी संवेदन शील नही हैं।आज किसानों का गाय जब गर्मी में आती है तो पशु विभाग के अधिकारी/कर्मचारी को किसान द्वारा कित्रीम गर्भाधान के लिए कहने पर गंभीरता से नहीं लिया जाता जाता है, कर्मचारी अपने खाली समय में ही जाने का समय दिया जाता है,तब तक गाय की गर्मी शांत हो गई रहती है।केवल खाना पूर्ति तथा अपना फीस लेकर अपना दायित्व का निर्वहन कर लिया जाता है।
कित्रीम गर्भाधान के सफल नहीं होने से किसानों को काफी हानि उठानी पड़ रही है।बिना दूध दे रहे गाय को पालने में किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।यदि पशु पालन विभाग रायगढ़ की निष्क्रियता यदि इसी प्रकार बनी रहेगी तो रायगढ़ जिला के दुग्ध व्यवसाय करने वाले गौ पालक किसान एक लंबा घाटा बर्दास्त करने में अपने आपको अक्षम मानते हुए दुग्ध व्यवसाय को छोड़ सकते है।