पुल नहीं होने से जान जोखिम में डालकर नदी पार करने मजबूर हैं छात्र

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सिर पर बैग रखकर गीले कपड़ों में स्कूल पहुंचते हैं बच्चे

भानुप्रतापपुर। भानुप्रतापपुर ब्लॉक से 5 किमी दूर ग्राम पंचायत चिचगांव के आश्रित गांव रानीडोंगरी व गावड़ेपारा के बीच दुमुहान नदी में पुल नहीं है। नदी में हमेशा पानी रहने व बारिश में तेज बहाव होने के बावजूद यहां बसे 10 परिवार के 12 बच्चे रोज जान जोखिम में डाल नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं। ग्राम रानीडोंगरी का है। यहां बच्चे सिर पर बैग लेकर कपड़े उठाकर हथगड़ी नदी पार करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हम कई बार प्रशासन से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है।

मां-बाप बोले- हमेशा डर लगा रहता, कहीं कोई हादसा न हो जाए

नदी के उफान पर होने पर वे स्कूल नहीं जा पाते और गांव पंचायत मुख्यालय से कट जाता है। पिछले 6 साल से ग्रामीण मंत्री, विधायक, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारियों, कलेक्टर, मुख्यमंत्री, जन चौपाल में पुल के मी बारिश हो चुकी है, जो औसत से 9 लिए गुहार लगा चुके हैं। ग्रामीण सुरुज लाल आचला, अघनसिंह, सखाराम, देवजी, देवराज ने बताया चुनाव के समय सभी नेता यहां आते हैं। एक से बढ़कर एक वादा करते हैं। चुनाव जीतने के बाद सब गायब हो जाते हैं।

नदी पार कर बच्चे दूसरी ओर पहुंचकर गीले कपड़ों को सुखाते हैं बच्चे

गांव में रहने वाले सुरुजलाल आचला बताते हैं कि कुछ दिन पहले बहुत बारिश हुई थी। उस समय नदी में काफी पानी था। इसकी वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। बच्चे नदी पार कर स्कूल जाते हैं तो कई बार भीग जाते हैं। इसके कारण वे बीमार पड़ जाते हैं और कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते। गांव के ही आघन सिंह मंडवी  ने कहा कि बारिश जब तेज होती है तो हमारे लिए बड़ी समस्या हो जाती है। हम नदी पार नहीं कर पाते, राशन वगैरह लेने में बहुत दिक्कत होती है। हालांकि, एक दो दिन से बारिश लगता बारिश होनी से काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है नदी का जलस्तर एकदम से बढ़ जाता है।

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