नौ वर्षीय बालक का अपहरण कर हत्या करने वाले तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

Spread the love

कवर्धा। नौ साल के बच्चे का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या करने वाले तीन आरोपियों को घटना के करीब साढ़े चार साल बाद न्यायालय ने अाजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि जिले के स. लोहारा थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम बिड़ौरा निवासी पेशे से शिक्षक कुशलराम राणा के तीसरी कक्षा में अध्यनरत नौ वर्षीय पुत्र हिमांशु राणा उस समय अचानक लापता हो गया था जब वह स्कूल से घर लौटने के बाद शाम को घर से खेलने के लिए निकला था। हिमांशु के देरशाम तक वापस घर नहीं पहुंचने पर उसके परिजनो ने उसकी सुध ली और खोजबीन शुरू की गई। लेकिन देररात तक परिजनो और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगातार की खोजबीन के बाद भी हिमांशु का कोई सुराग नहीं मिला था। बाद में परिजनो ने इसकी गुमसुदगी स. लोहारा में दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने भी हिमांशु की काफी खोजबीन की परंतु उसका कहीं कोई अतापता नहीं चल पाया। अंतत: पुलिस को सफलता मिली और हिमांशु का शव बरामद किया गया। पुलिस ने इस मामले में बालक का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या करने वाले आरोपी यशवंत पाली पिता रमेश पाली उम्र 21 वर्ष, कोमल उर्फ छोटू पाली पिता दिलीप पाली, उम्र 19 वर्ष तथा हेमन उर्फ हेमंत पाली पिता गणेश पाली उम्र 19 वर्ष सभी निवासी ग्राम बिड़ोरा, थाना सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम (छग) के विरूद्ध मामला दर्ज कर तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरुद्ध अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय कबीरधाम के समक्ष विचारण हेतु पेश किए। विचारण के दौरान माननीय विशेष न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे के न्यायालय में अभियोजन की ओर से अपने समर्थन में साक्ष्य कराया गया। साक्ष्य उपरांत अभियोजन पक्ष एवं आरोपीगण के बचाव अधिवक्ता की ओर से माननीय न्यायालय के समक्ष अपने-अपने पक्ष में तीखी बहस किया गया उसके पश्चात् माननीय न्यायालय ने प्रकरण को निर्णय हेतु सुरक्षित किया। माननीय विशेष न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे, कबीरधाम ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के पश्चात तथा प्रकरण में उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर आरोपीगण यशवंत पाली, कोमल उर्फ छोटू पाली, आरोपी हेमन उर्फ हेमंत पाली को धारा 363 भादंसं के तहत् 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड, धारा 120 (बी) भादंसं के तहत आजीवन कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड, धारा 302 भादंसं के तहत आजीवन कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड, धारा 201 भादंस के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 3(2) (व्ही) एट्रोसीटी एक्ट के तहत आजीवन करावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *