आचार संहिता के बाद विभिन्न विभागाें में हजारों पदों पर होगी भर्ती
शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस के साथ अन्य विभागों में रिक्त पद
रायपुर। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद राज्य सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती शुरू करेगी। राज्य सरकार का ध्यान ऐसे विभाग जहां से राजस्व की वसूली होनी है, वहां पर पदों को भरे जाने का है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिम जाति कल्याण, पुलिस विभाग के अलावा अन्य विभागों में खाली पदों की भी जानकारी मंगाई गई है। लगभग 25 हजार से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग पांच हजार से ज्यादा पदों पर भर्तियां होंगी। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया जून-जुलाई से शुरू हो सकती है। इन पदों पर भर्ती छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग और छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से होगी। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा 8 सौ से ज्यादा पद डाक्टरों के भी होंगे। वहीं 150 से अधिक पदों पर विशेषज्ञ डाक्टरों भी भर्तियां भी होंगी। इसके मुताबिक जून तक डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करना था। लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लग गई, जिसके कारण भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। 7 जून के बाद आचार संहिता हट जाएगी, इसके बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। जुलाई अंत तक अस्पतालों में डाक्टरों की नियुक्तियां होने की संभावना है।
10 हजार शिक्षकों की भर्ती
शिक्षकों के करीब 10 हजार पदों पर भर्ती हो सकती है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग कई विभाग के पदों की पूर्ति के प्रस्ताव के बाद प्रक्रिया अटकी हुई है। इनमें प्रमुख रूप से काॅलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती का मामला है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर पीएससी ने 595 प्रोफेसरों के पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। पीएससी ने इसके लिए आवेदन भी मंगाए थे। भर्ती नियम के कुछ बिंदुओं को लेकर आपत्ति आने के बाद में नियम संशोधन को लेकर यह भर्ती नहीं हो पाई। आचार संहिता हटने के बाद इसे पूरा किया जाएगा।
लंबित भर्तियां भी पूरी होंगी
ऐसी भर्तियां जो काफी समय से अटकी हैं, उन्हें भी भरने का प्रयास किया जाएगा। इनमें आदिवासी विकास विभाग के प्रस्ताव पर 500 छात्रावास अधीक्षक पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल को इस परीक्षा को कराने जिम्मेदारी मिली। यह भर्ती परीक्षा भी अटकी हुई है। अन्य विभागों में भी कई पदो पर भर्ती अटकी हुई है, उसे आचार संहिता हटने के बाद आगे कार्रवाई फिर शुरू होगी।