लाल आतंक को खत्म करने नक्सली कमांडरों के गांवों में पुलिस कैंप की स्थापना

Spread the love

1995 में थाना लूट, एसपी सहित 29 जवानों ने दी शहादत

15 दिनों के भीतर वनांचल में पुलिस कैंप शुरू

मोहला । पूरे भारतवर्ष में लाल आतंक के नाम पर आठवें स्थान पर दर्ज नवगठित जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 15 दिनों के भीतर माओवादियों के राजधानी सहित नक्सली कमांडरों के गांव में लाल आतंक को काबू में करने पुलिस कप्तान यशपाल सिंह के नेतृत्व में सीधे तौर पर तीन-तीन पुलिस कैंप की स्थापना की गई है।


उल्लेखनीय की 1980 के दशक में नक्सलियों का पहला पदार्पण मानपुर के बीहड़ क्षेत्र मदनवाड़ा एरिया में हुआ, तब से अब तक माओवादियों का लाल साम्राज्य मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी इस नवगठित जिले में चलते आ रहा है। 44 सालों के भीतर अब तक नक्सलवाद द्वारा करोड़ों रुपए के संपत्तियों को फूंकने के साथ-साथ यहां निवासरत पटेल, कोटवार, गांव के होनहार युवक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ तत्कालीन एसपी वीके चौबे सहित बेहद संख्या में सुरक्षा बल के जवानों ने अपनी जान की आहुति दी है। इस पिछड़े इलाके में समय बीतने के साथ-साथ अब नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक कदम उठाना शुरू कर दिया है। पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह के नेतृत्व में और एएसपी आईपीएस मयंक गुर्जर के मार्गदर्शन में 15 दिनों के भीतर नक्सलवाद पर अंकुश लगाने मानपुर के अति संवेदनसील गांव ग्राम पीटेमेटा आमाकोडो, नवागांव, औंधी तथा संबलपुर में पुलिस कैंप की स्थापना कर फोर्स डेवलप किया गया है।

1995 में थाना लूट, एसपी सहित 29 जवानों ने दी शहादत
माओवादी संगठन के अब तक 44 सालों का प्रभाव कुरेदने पर 1995 में मानपुर थाना की बेधड़क लूट की गई थी। नक्सलियों ने तीन भाजपा मंडल अध्यक्ष, बेहद संख्या में जनप्रतिनिधि, कोटवार, पटेल, दूरस्थ अंचल के होनहार युवकों को मुखबीर के शक में मौत के घाट उतार दिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को हिला देने वाली घटना जुलाई 2012 मानपुर कोरकोट्टी वारदात में तत्कालीन एसपी वीके चौबे सहित 29 जवानों ने इस इलाके में शांति और कानून व्यवस्था बनाने के प्रयास के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।

माना जाता है नक्सल राजधानी

महाराष्ट्र बॉर्डर से लगे संबलपुर, बुकमरका, पीटेमेटा और औंधी एरिया के नवागांव क्षेत्र को नक्सलियों का सुरक्षित पैठ वाला इलाका माना जाता है। माओवादी संगठन का इन गांव में देर सबेर काफी चहल-कदमी रहता है। इसके साथ ही इन इलाकों को नक्सलियों का राजधानी भी कहा जाता है। यहां पुलिस कैंप खुलने से अब नक्सल मोमेंट पर सीधे नियंत्रण होगा।

नक्सल इलाकों के गांवों में अब शुरू होगा विकास काम
सीतागांव थाना क्षेत्र के पीटेमेटा, आमाकोडो गांव में पुलिस कैंप की स्थापना की गई है। मदनवाड़ा एलओएस कमांडर लोकेश सलामे, पत्नी रीता सलामे, मोहला एलओएस कमांडर विनोद घावडे आमाकोडो निवासी हैं। जिनके गांव में नए पुलिस कैंप की स्थापना की गई है। यहां अब विकास काम शुरू किए जाएगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *