प्रशिक्षण में उपस्थित शिक्षकों को अनुपस्थित बताकर दिया गया शो-कॉज नोटिस
घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। : जानकारी के मुताबिक विगत 05 नवंबर 2023 को चुनाव कर्मियों का द्वितीय प्रशिक्षण ‘किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय’ रायगढ़ के कक्ष क्रमांक 07 में सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक नियत किया गया था। उक्त तिथि पर सभी कर्मचारी प्रशिक्षण कार्यशाला में निर्धारित समयावधि तक सम्मिलित अथवा उपस्थित रहे, किंतु उपस्थिति प्रशिक्षण सूची में उक्त प्रशिक्षार्थियों का नाम ही नहीं था, प्रशिक्षण पश्चात उक्त कर्मचारियों के द्वारा यह बात पूछे जाने पर प्रशिक्षकों ने बताया कि जिनका नाम सूची में नहीं है वो खाली प्रोफार्म में अपना हस्ताक्षर कर दें, जिसके बाद सभी कर्मचारियों ने खाली प्रोफॉर्म पर अपना हस्ताक्षर युक्त उपस्थिति दर्ज किया, जिसके बाद उक्त दिवस को ही उन्हें प्रारूप 12 भरवाया गया, जिसके आधार पर सभी कर्मचारियों ने दिनांक 11.11.2023 को पोस्टल बैलेट से मतदान किया, उसी दिन प्रशिक्षण उपरांत मध्यान्ह अवकाश के पश्चात संबंधित कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर उनके विरुद्ध में शो-कॉज नोटिस वायरल होते देखा गया, जिसमें लिखा गया था कि आपके द्वारा निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में उक्त तिथि एवं स्थल में अनाधिकृत रूप से स्वेच्छाचारिता पूर्वक अनुपस्थित रहे जो कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियमों एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के विपरीत होते हुए कदाचरण की श्रेणी में आता है। यह देखकर सबके होंश उड़ गए और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। फिर उन्होंने अपने आप को सही साबित करने के लिए कलेक्टर कार्यालय का खूब चक्कर लगाया गया लेकिन उन्हें कहीं भी संतोष जनक जवाब नहीं मिला। उक्त शो-कॉज नोटिस में 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है अन्यथा एकपक्षीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है। जिसको लेकर कर्मचारियों का कहना है कि उक्त नोटिस नियत समय पर उनके पास पहुंचा ही नहीं था और उन्हें जवाब पेश करने अत्यल्प समयावधि ही दी गई है। जिससे कर्मचारियों में काफी भय का माहौल है। पता चला है कि वे अपने आपको सही साबित करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के इस कार्य से कर्मचारीगण एक तरफ मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई है और उनका मनोबल भी घटा है तथा उनके आत्मीय सम्मान को भी ठेस पहुंचा है। चुनाव के दौरान अगर किसी चुनाव कर्मचारी के द्वारा अनजाने में भी कोई भूल हो जाती है तो उसके विरुद्ध तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई कर दी जाती है, तो क्या राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिकारियों के द्वारा की गई इस तरह की गंभीर त्रुटि पर कोई संज्ञान लिया जाएगा या फिर पर्दा डालने की कोशिश की जाएगी?