हरेली तिहार से छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का होगा आगाज

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गिल्ली डंडा, पिट्टूल, फुगड़ी, गेड़ी दौड़ और रस्सी कूद जैसे 16 तरह के खेलों का मुकाबला

रायपुर। इस साल 17 जुलाई को हरेली तिहार से छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक 2023-24 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें गिल्ली डंडा, पिट्टूल, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भौंरा और रस्सीकूद जैसे 16 तरह के पारम्परिक खेलों का मुकाबला होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने, खेलों के प्रति जागरूकता फैलाने, खिलाड़ियों को मंच देने और खेल भावना बढ़ाने के मकसद से शुरू किए गए छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक में पारम्परिक खेलों के मुकाबले लगभग 2 माह 10 दिन तक चलेंगे। कॉम्पिटिशन 6 चरणों में होगा जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हिस्सा ले सकेंगे। प्रतियोगिता में दलीय और एकल श्रेणी में 16 तरह के खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के ओलिंपिक में एकल श्रेणी में रस्सीकूद और कुश्ती को भी जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक के आयोजन का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन विकास विभाग को सौंपा गया है। प्रतियोगिता का समापन 27 सितंबर को होगा। पारंपरिक खेल प्रतियोगिता दलीय और एकल दो श्रेणी में आयोजित होगी। दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल शामिल हैं। एकल श्रेणी की खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद और कुश्ती शामिल हैं। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का आयोजन ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर 17 जुलाई से 22 जुलाई तक नॉकआउट पद्धति से होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। इसका आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक होगा। प्रतियोगिता में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें पहला वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। इसमें महिला और पुरुष दोनों वर्ग में पार्टिसिपेट कर सकते हैं।

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