समस्या सुलझाने निगम ने लगाया शिविर, टूट पड़े लोग
रायपुर। सरकार तुंहार द्वारा कार्यक्रम के पहले दिन लगाए गए शिविर में आम लोग समस्याओं को हल कराने टूट पड़े। आलम यह था कि कुछ समस्याएं तो पांच साल पुरानी थी। ज्ञात हो कि ऐजाज ढेबर को महापौर का पद संभाले हुए करीब एक साल हो गया है। इस एक साल में कथित विकास के कार्य तो हुए पर पर जमीन हकीकत एक ही दिन में सामने आ गई। पहले दिल नगाए गए शिविर में समस्याओं का अंबार लग गया। सबसे ज्यादा आदेवन मजदूर कार्ड और राशन कार्ड बनवाने के लिए आए। पहले दिन काउंटर पर कम लोगों को बिठाया गया, जिससे पूरा शिविर अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। हालांकि अधिकारी यह कहते जरूर आए कि पहला दिन है इसलिए अव्यवस्था हो गई आगे इसमें सुधार कर लिया जाएगा। अगर अफसरों की माने तो जब नगर सरकार को पता था कि शिविर में हजारों लोग पहुंचेंगे तो व्यापक व्यवस्था क्यों नहीं की गई। या या यह कहें कि नगर सरकार इस मुगालते में थी कि शहर के नगारिकों को कोई समस्या नहीं है इस कारण इक्का- दुक्का अधिकारियों को ही शिविर की मान सौंपा गई। बहरहाल स्थिति जो भी हो पर यह कहा जा सकता है कि पहले दिन ही समस्या निवारण के लिए लगाया गया शिविर खुद समस्या से ग्रसित हो गया। पहले दिन शहर के संत कबीर दास वार्ड और पंडित जवाहर लाल नेहरू वार्ड में शिविर लगा। निगम के महापौर एजाज ढेबर समेत पार्षद और अफसर दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। लोग शिविर शुरू होने से पहले ही बड़ी संख्या में भीड़ की शक्ल में मौजूद दिखे। पहले दिन सबसे अधिक मजदूर कार्ड और राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों की अर्जियां आई हैं।
इतने आए मामले
संत कबीर दास वार्ड क्रमांक तीन में शिविर के शुरू होने से पहले ही आयुष्यमान योजना, मजदूर कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना और आधार कार्ड बनवाने के लिए सौकड़ों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। संत कबीरदास वार्ड से कुल 409 प्रकरणों का तो वहीं पं. जवाहर लाल नेहरू वार्ड में कुल 282 प्रकरणों का निराकरण किया गया। कुछ लोगों को मायूस होकर भी लौटना पड़ा। शिविर का पहला दिन होने की वजह से शिविर में अव्यवस्था देखने को मिली। आधार कार्ड बनाने वाली मशीन तो आ गई थी, लेकिन उसकी व्यवस्था नहीं की गई थी, जिस वजह से एक बजे के बाद आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। वहीं आयुष्यमान योजना के काउंटर पर सिर्फ दो लोगों को बैठाया गया था जिस कारण लोग लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। निगम के अधिकारियों का कहना था कि पहला दिन है इसलिए थोड़ी अव्यवस्था है, इसे भी दूर कर लिया जाएगा।
-पहले घुमाया, अब कह रहे बन जाएगा कार्ड
संत कबीर दास वार्ड निवासी जानकी बाई, संतोष निर्मलकर और सरिता निर्मलकर ने बताया कि मजदूर कार्ड बनवाने के लिए एक माह पहले से ही निगम कार्यालय में आवेदन दिया था, लेकिन अफसरों ने घुमाया। अभी तक मजदूर कार्ड नहीं बन पाया है। मजदूर कार्ड नहीं बनने से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। शिविर में आस लेकर आए थे, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अभी तक आवेदन नहीं आया है इसलिए मजदूर कार्ड नहीं बन पाएगा और वे नियम कायदे भी बता रहे हैं, लेकिन कह रहे हैं कि बन जाएगा।
-पांच साल से सड़क पर नहीं पड़ा डामर
संत कबीर दास वार्ड क्रमांक तीन निवासी लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने बताया कि वार्ड की सड़क की हालत जर्जर हो गई है। पिछले पांच साल से सड़कों का डामरीकरण नहीं हुआ है। वार्ड में सालों से स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। यहां सिर्फ 30 प्रतिशत नाली का काम हो पाया है। गोगांव के पूर्व उप सरपंच जगत राम यादव ने बताया कि वे प्रधानमंत्री आवास के लिए बीते दो साल से धक्के खा रहे हैं। शिविर में भी वे आवेदन लेकर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना के अधिकारी यह कहकर उनको टाल दिए कि पांच मई 2020 से इस स्कीम पर रोक लग गई थी। अधिकारी ने लिस्ट में नाम नहीं होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया।
-नहीं सुधारी सालों से सड़क
गोगांव निवासी राधेश्याम दांडे ने बताया कि स्कूल और सहस्त्र बुद्धे फैक्ट्री के बीच से गली गई है जो तिन तरिया तालाब तक जाती है। उस गली के सीमेंटीकरण के लिए आधा दर्जन से अधिक बार आवेदन दिए गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
गोगांव के लोकराम बावन थडे का कहना है कि सुलभ शौचालय का सेप्टिक टैंक छोटा है इस वजह से गंदगी बाहर तक आ रही है। कई बार आवेदन दिया, शिविर में भी आवेदन लेकर आए हैं, लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी है।
पेंशन नहीं मिली रमाबाई को, अफसरों ने भटकाया
गोगांव की रमाबाई साहू के पति का पिछली नवरात्रि में देहांत हुआ। उन्होंने गुजर-बसर के लिए निगम में बृद्धा पेंशन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शिविर में भी आस लेकर आईं थी, लेकिन यहां भी सूची नहीं होने का बहाना बताकर लौटा दिया गया।
-आधार कार्ड बनवाने के लिए लाइन
गोगांव निवासी राम प्रवेश शर्मा बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए आए थे। आधार कार्ड बनाने की मशीन एक बजे शुरू हुई, इसलिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा। डबरापारा निवासी अतुल वैद्य का राशन कार्ड उनकी माता के नाम है। उनकी माता का देहांत हो गया है। उसके बाद से वह राशन कार्ड में नाम परिवर्तन कराने के लिए भटक रहे थे। निगम के कर्मचारियों ने उनका राशन कार्ड रद कर दिया। उन्होंने लाकडाउन के पहले आवेदन किया था, लेकिन अभी तक बन नहीं पाया है। शिविर में भी वह भटक कर वापस लौट गए।