दरअसल, इस चुनाव में भाजपा ने तीनों राज्यों में केंद्रीय राजनीति के कई दिग्गजों को मैदान में उतारा था। इसके जरिये पार्टी इन राज्यों के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान रखने वाले नेताओं को चुनाव लड़ा कर संबंधित क्षेत्र में सियासी लाभ हासिल किया।

इनमें से कई दिग्गज चुनाव जीत गए हैं, ऐसे में पार्टी नेतृत्व के सामने संतुलन साधने की समस्या है और फीडबैक के जरिये पार्टी यही कोशिश कर रही है।