मुख्यमंत्री भूपेश बोले- सूखा नशा ज्यादा खतरनाक इसलिए नशामुक्ति जरूरी
रायपुर। प्रदेश में शराबबंदी नहीं नशामुक्ति की ओर सरकार आगे कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शराब से ज्यादा खतरनाक सूखा नशा है। उन्होंने कहा कि शराब तो नशे का ही हिस्सा है। अगर सभी नशे के खिलाफ अभियान छेड़ें तो एक माहौल बनेगा। इससे शराबबंदी भी हो सकती है और नशामुक्ति भी। नशा मुक्ति में शराब, गांजा, सिगरेट, तम्बाकू और सभी आते हैं।
मुख्यमंत्री ने नशामुक्ति अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीतिक में थर्ड फ्रंट का कोई असर नहीं होने वाला है। छत्तीसगढ़ ही नहीं, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं, जहां राष्ट्रीय दलों की सीधी टक्कर होती है। बहुत लोगों ने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। पिछले चुनाव में भी भाजपा ने जोगी कांग्रेस की पूरी मदद की, जिसमें जोगी कांग्रेस और बसपा, सब मिलकर पांच सीट ही ला पाए। उपचुनाव में उनकी ताकत और कम हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा अरुण साव को सीएम प्रोजेक्ट करती है तो करे तो, कांग्रेस को भी इंतजार है कि भाजपा से कौन चेहरा है। भाजपा नेता अजय चंद्राकर के बयान पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या उन्हें (अजय चंद्राकर) को चुनाव में कोई जिम्मेदारी दी गई है? छत्तीसगढ़ में तो ओम माथुर ही भाजपा के लिए सबकुछ हो गए हैं। माथुर जी हर जगह दिखते हैं. मीडिया, ट्विटर में. भाजपा 2018 में हार गई थी, इस चुनाव में भी हारेगी। भाजपा को सफलता नहीं मिलेगी।
वीआईपी रोड के नामकरण पर भाजपा के सवाल पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा के नेता गांधी नाम पर एक साथ उठ खड़े होते हैं। छत्तीसगढ़ में तो बस्तर से लेकर सरगुजा तक स्थानीय नेताओं के नाम पर हैं। भाजपा को गांधी-नेहरू परिवार से परेशानी है। राहुल गांधी के खिलाफ लाइन से मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य खड़े हो जाते हैं।