भारत में 2025 से ट्रक चालकों के लिए एसी केबिन होगा अनिवार्य
नई दिल्ली। देश में वर्ष 2025 से ट्रक ड्राइवरों के लिए एयर कंडीशन केबिन जरूरी हो जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। सरकार ने यह फैसला देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में लागत कम करने, लंबी यात्रा के दौरान ड्राइवरों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर कम करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए लिया है। महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि ‘जब मैं मंत्री बना तो मुझे लगा कि 44 से 47 डिग्री टेंपरेचर में कैसे ड्राइवरों की हालत खराब होती होगी। मैंने एसी केबिन का प्रस्ताव दिया तो कुछ लोगों ने ये कह कर विरोध किया कि इससे कॉस्ट बढ़ेगी। लेकिन अब फाइनली मैंने आदेश की कॉपी पर साइन कर दिया है।’
– ट्रांसपोर्ट सेक्टर का काफी अहम योगदान
देश में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ड्राइवर का सबसे बड़ा रोल है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी से एक है और ऐसे में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में खासा ध्यान देना जरूरी है। ट्रक ड्राइवर्स के काम करने की स्थिति और मनोस्थिति को समझना जरूरी है और इसके लिए काम करना भी जरूरी है।
– हर 50 किमी पर बनेगा एमिनिटी सेंटर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘देश में हजार-हजार किलोमीटर तक कोई टॉयलेट और वॉशरूम नहीं है।’ उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र देश के सभी नेशनल हाइवे पर सुविधाओं को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए परिवहन मंत्रालय 570 रोड साइड एमेनिटीज बना रहा है।
– 170 के लिए टेंडर जारी
इनमें से 170 के लिए टेंडर दिए जा चुके हैं और काम भी शुरू हो गया है और इस साल के अंत तक ये काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका टारगेट राजमार्ग के हर 50 किलोमीटर पर एक सुविधा केंद्र बनाने का है। इवेंट के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘देश चालक’ नाम की एक बुक को अनवील किया। ये किताब भारतीय ड्राइवर्स को सम्मान देने के लिए लिखी गई है।
– वॉल्वो और स्कैनिया हाई-एंड ट्रक में देती है एसी केबिन
वॉल्वो और स्कैनिया जैसी कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों के हाई-एंड ट्रक पहले से ही AC केबिन के साथ आते हैं। वहीं देश के टॉप 5 ट्रक मैन्युफैक्चर्स की बात करें तो मार्केट कैप के हिसाब से पहले नंबर पर टाटा मोटर्स है। इसके बाद, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स, अशोक लेलेंड और फोर्स मोटर्स है। टाटा मोटर्स का मार्केट कैप 2.11 लाख करोड़ रुपए हैं।