प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में बसे हैं: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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– अरण्यकाण्ड पर आधारित प्रतियोगिता में कर्नाटक के दल को प्रथम, असम को द्वितीय और झारखंड के दल को तृतीय पुरस्कार

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं। राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, जितना मनन करिएगा, राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है। हमारे राम कौशल्या के राम, वनवासी राम, शबरी के राम, हमारे भांचा राम और हम सबके राम हैं। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में रायगढ़ राममयगढ़ हो गया। इस महोत्सव में नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तीन दिनों तक पंडाल खचाखच भरा रहा। बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों से भी इस महोत्सव में शामिल होने के लिए मेहमान आए। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिससे भी मिले सभी दोहे और चौपाई गुनगुनाते मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया था, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। उन्होंने जूरी मेम्बरों के विचारों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा-हमने देश के विभिन्न हिस्सों में केवल भगवान श्रीराम के बाल्य-काल, रामलीला जैसे अध्यायों का मंचन देखा है। यह पहली बार है कि भगवान राम के अरण्यकाण्ड का मंचन देखने को मिला।

जगमग दीप के साथ केलो मैय्या की महाआरती


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रायगढ़ में केलो मैय्या की महाआरती कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने गौ माता को चारा खिलाकर गोधन समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर गोबर से बने रंग-बिरंगे दिए से दीपदान किया। जगमग दीप के साथ केलो मैय्या की महाआरती की भव्यता ने बनारस के गंगा घाट की याद दिला दी। ऐसा लग रहा था मानो गंगा मैय्या साक्षात् रायगढ़ की धरती पर उतर कर लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर रही हो। इस अवसर पर केलो मैय्या के जयकारे के साथ पूरा घाट गुंजायमान हो गया और महौल भक्तिमय हुआ। महाआरती कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री मेश पटेल, विधायक चक्रधर सिंह, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. रामसुन्दर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

ओड़िशा के रेल हादसे में जान गवाने वालों को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि लाभ-हानि, जीवन-मरण, यश-अपयश भगवान के हाथ में होता है, मनुष्य के नहीं। इस हादसे में जिन लोगों ने अपने परिवार को खोया है, भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें, उन्हें अपने चरणों में श्री स्थान दें। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रायगढ़ इस दौरान राममय रहा, ऐसा लगा हम अयोध्या में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और भगवान राम का ननिहाल है। उन्होंने वनवास का सबसे लम्बा समय छत्तीसगढ़ में गुजारा, भगवान राम का हमारा युगों-युगों से संबंध है।

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