ठेले की जगह शासकीय दुकान के वायदे को भूल कब्जा हटाने आतुर अधिकारी

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अवैध कब्जा हटाने सीएमओ ने जारी किया नोटिस

नप अध्यक्ष ने कहा गरीबो की रोजी रोटी छीनने का किसी को नही हक

घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। नगर पंचायत घरघोड़ा के सीएमओ साहब द्वारा अचानक अवैध कब्जे में चल रहे ठेले गुमटियों को हटाने का नोटिस जारी करने से माहौल गरमा गया है । छोटे ठेले गुमटी के व्यवसाय से अपनी जीविका चलाने वाले लोगों के लिए मानवतापूर्ण सोच रखते हुए वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौधरी ने बाकायदा सामान्य सभा की बैठक में कब्जे धारी ठेलो गुमठियो को शासकीय दुकान बनाकर उसमें विस्थापित किये जाने का प्रस्ताव लाया गया था जो प्रक्रियाधीन है परंतु प्रस्ताव के बाद अचानक नप के अधिकारी अपनी अलग व्यवस्था बनाते हुए इन ठेले गुमठियों को हटाने का नोटिस थमा रहे है । इससे ठेले गुमठि वालो की चिंता बढ़ गयी है क्योंकि अधिकतर के पास रोजी रोटी का यही एकमात्र जरिया है ऐसे में शासकीय दुकान मिलने की आस में लगे ठेले गुमठी वालो को सीधे हटाने का नोटिस मिलना किसी बुरे सपने से कम नही है ।

रोजी छीनने की बजाय दुकानों के प्रस्ताव को मूर्त रूप दे अधिकारी- सिल्लू चौधरी

जब अवैध कब्जे की हटाने नोटिस कार्यवाही के विषय मे वर्तमान नप अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी से उनका पक्ष लिया गया तो उन्होने स्पष्ट कहा कि किसी गरीब ठेले गुमठी वाले कि रोजी रोटी छीनना बिल्कुल गलत है और हम गरीब जनता के साथ हैं अधिकारी को चाहिए कि नोटिस का खेल खेलने की बजाय इन ठेले वालो को शासकीय दुकान बनाकर देने के प्रस्ताव की प्रक्रिया में गति लाएं ताकि गरीबों की रोजी रोटी भी न छीने और नियमो का भी पालन हो सके ।

पहले भी अवैध कब्जे हटाने को लेकर चला था नोटिसों का दौर

घरघोड़ा नप क्षेत्र में यह नोटिस का खेल कोई नया नही है । सड़क किनारे लगने वाले ठेले गुमठियों को हटाने के लिए अचानक जागकर प्रशासन नोटिस तो लम्बे समय से काटता रहा है पर इसके स्थायी समाधान की सोच प्रशासन कि कभी नही दिखी । नप अध्यक्ष सिल्लू चौधरी की पहल पर इन्हें शासकीय दुकानों में विस्थापित करने की योजना भी प्रशासनिक लालफीताशाही में उलझी है और समय बेसमय अधिकारी अपने दस्तखत से नोटिस जारी कर गरीबो की रोजी रोटी खतरे में की याद बराबर दिलाते रहते हैं । अब देखना होगा कि इस बार प्रशासन के अधिकारी समाधान की दिशा में बढ़ते हैं या केवल विवाद शुरू कर थ्रो एंड रन की नीति पर काम होता है।

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