छत्तीसगढ़ में हार की दिल्‍ली में समीक्षा : राहुल गांधी , सैलजा की मौजूदगी में हुई बैठक

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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा शुरू हो गई है। इसको लेकर दिल्‍ली में बैठक चल रही है।

Review of Congresss defeat in CG: सीजी में कांग्रेस की हार की दिल्‍ली में समीक्षा: राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक, सैलजा ने कहा...

 रायपुर। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान तीन राज्‍यों में कांग्रेस बनी थी। एमपी में कांग्रेस एक-डेढ़ साल ही सत्‍ता में रह पाई। वहां पार्टी के विधायकों ने पलटी मार दी। राजस्‍थान में भी पूरे समय सरकार जाने का खतरा मंडराता रहा। एक मात्र छत्‍तीसगढ़ ही था जहां पूरे पांच साल तक कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नजर नहीं आया। वजह यह था कि चुनाव में कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीती थी। इसके बाद उप चुनाव में कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी की 3 और सीटों पर कब्‍जा कर लिया। इस तरह पार्टी के 72 विधायक हो गए थे। 2023 का चुनाव कार्यक्रम जारी होने तक छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की वापसी का दावा किया जा रहा था। कांग्रेस का प्रदेश और राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व ही नहीं, आम लोग और विपक्षी पार्टी भी मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस फिर से सत्‍ता आ जाएगी। भूपेश बघेल के नेतृत्‍व में प्रदेश में छत्‍तीसगढ़‍ियावाद के साथ कर्जमाफी, गोबर खरीदी, भूमिहिनों को नगद राशि जैसी आकर्षक योजनाएं चलाई गई। इनमें से कई योजनाएं देशभर में लोकप्रिय हुई। इसके बावजजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पाई। छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली इस हार की आज नई दिल्‍ली में समीक्षा हुई। राहुल गांधी की मौजूदगी में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार की समीक्षा की। बैठक में पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, चंदन यादव, सप्तगिरि उल्का के साथ कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्‍वज साहू, वरिष्‍ठ नेता धनेंद्र साहू, सत्‍यनारायण शर्मा, मोहम्‍मद अकबर, उमेश पटेल, फूलोदवी और मोहन मरकाम सहित अन्‍य नेता मौजूद थे। बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि चुनाव से पहले सभी मीडिया रिपोट्रर्स और सर्वे में कांग्रेस की जीत बताई जा रही थी। यह बात काफी हद तक सही भी साबित हुई। हमारा वोट शेयर उतना ही रहा। हमारी सरकार की योजनाओं ने लोगों के मन में भरोसा पैदा किया। हमारी भरोसे की सरकार रही। इसके बावजूद हम चुनाव हार गए। इस हार से हम निराश हुए हैं लेकिन हताश नहीं हुए हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हार के कारणें की हम डिटेल में समीक्षा कर रहे हैं। सभी साथियों ने मिलकर पार्टी हाईकमान को विश्‍वास दिलया है। वोट कम हुआ है लेकिन हमने लोगों का विश्‍वास नहीं खोया है। अब लोकसभा का चुनाव आ रहा है। लोकसभा का चुनाव हम सभी मिलकर लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन अच्‍छा रहा है। कहीं भी एकतरफा चुनाव नहीं हुआ है। हमारे कार्यकर्ता नेता हर जगह हर कोने में जाएंगे और फिर से लोगों को और ज्‍यादा विश्‍वास ज्‍यादा से ज्‍याद सीटे लेकर आएंगे।

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