चुनाव में अब तक 372 करोड़ कैश और 214 करोड़ से ज्यादा की शराब जब्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव संपन्न हो चुका है। इसके साथ ही आयोग की जांच और सख्ती भी लगभग खत्म हो गई है। आयोग की यह सख्ती चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ शुरू हुई थी। प्रशासन की तरफ से लगातार जांच किए गए। इस दौरान बड़े पैमाने पर कैश और शराब के साथ अन्य मादक पदार्थ पकड़े गए। छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के चार अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में भी चुनाव चल रहा है। इन पांचों राज्यों में चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के बाद से अब तक 1760 करोड़ रुपये से अधिक कैश व सामान पकड़े जा चुके हैं। 2018 की तुलना में इस बार चुनावी राज्यों में बरामदगी में सात गुना वृद्धि हुई है।
निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लगातार प्रयासों की बदौलत पांच चुनावी राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में बरामदगी में महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की सूचना मिली है, जो 2018 में इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी से सात गुना (239.15 करोड़ रुपये) अधिक है। पांच राज्यों में चल रहे चुनावों और पिछले कुछ राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़े प्रलोभनों की निगरानी करने और समान अवसर के लिए चुनावी बेईमानी को रोकने के हवाले से मजबूत उपायों को लागू करके स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। याद रहे कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक में पिछले छह राज्य विधानसभा चुनावों में 1400 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई थी, जो इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में 11 गुना अधिक है। इस बार आयोग ने इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सिस्टम (ईएसएमएस) के माध्यम से निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को भी शामिल किया है, जो बहुत सहायक साबित हो रहा है, क्योंकि यह बेहतर समन्वय और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए केंद्र और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक साथ जोड़ता है।