भारत ने रचा इतिहास : चांद पर पहुंचा चंद्रयान-3
नई दिल्ली। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा पर उतरने में सफल रहा है। इस तरह चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। इसरो द्वारा इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा है। अब प्रज्ञान रोवर बाहर निकलेगा और 14 दिन तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करेगा। चंद्रमा के इस हिस्से के बारे में दुनिया का ज्यादा जानकारी नहीं है। यहां प्रचुर मात्रा में पानी मिलता है तो यह दुनिया के लिए बहुत बड़ी बात होगी।
चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है। उसने 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया। 5 बजकर 30 मिनट पर शुरुआत में रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही। इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की। तब उसकी चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी। आखिरकार लैंडर ने 6 बजकर 04 मिनट पर चांद पर पहला कदम रखा। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है। अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।
मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं। एक दिन ऐसा आएगा कि बच्चे कहेंगे चंदा मामा बस टूर के हैं।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा- भारतीय वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया। उन्हें बधाई। चंद्रयान की सफलता मानवता के लिए बड़ा पल है।