राधे, संतोष, हरिचंद्र भाजपा धरमजयगढ़ विधानसभा के त्रिमूर्ति का शक्ति प्रदर्शन
सैकड़ों की संख्या में रैली निकालकर सरकार एवं विधायक खिलाफ किया नारेबाजी
भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेताओं की एकजुटता पर राजनीति बाजार में चर्चा जोरों पर
घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता ) । विधानसभा चुनावी समर में धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का प्रभावशील प्रदर्शन से राजनीति पार्टीयों में सयंश तापमान बढ़ गया है, कांग्रेस सरकार व स्थानीय विधायक के कार्यकाल को लेकर भाजपा के आदिवासी नेताओं ने जनता के कटघरे में खड़ा करने का प्रयास से इस बार इस सीट पर कांग्रेस की रणनीति आसान नहीं होती दिखाई दे रही है। लगातार दस साल से कांग्रेस का कब्जा धरमजयगढ विधानसभा में है, जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं व जनता का अपेक्षा अधिक होने से सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है। उससे भी ज्यादा प्रभावी भाजपा के आदिवासी नेताओं की एकजुटता नजर आ रही है, पन्द्रह सालों में इस सीट पर भाजपा पार्टी संगठन में देखनें को नहीं मिला वह इस समय प्रभावी ढंग से नजर आ रही है। आदिवासी समाज में सर्वमान्य नेताओं का तमका त्रिमूर्ति को हासिल है जिसका संगठित होने का मतलब है, वर्तमान विधायक लालजीत राठिया को इस बार अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है, भाजपा शीर्ष नेताओं की रणनीति अनुरूप चुनाव में भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेताओं का अपने पकड़ वाले क्षेत्र में जिम्मेदारी पूर्वक वोट बैंक पर कार्य करें तो परिणाम आश्चर्यजनक है सकते हैं। फिलहाल जिस तरह से आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने सभी आदिवासी नेताओं को फ्रंटफुट पर खड़ा कर विधायक के दस वर्ष के कार्यकाल के खिलाफ आवाज बुलंद कर जनता के बीच में सीधे विधायक पर आरोप प्रत्यारोप की रणनीति पर आगे बढ़ रहें हैं, यह रणनीति कितना कारगर होगा भाजपा के लिए इसका परिणाम तब देखने को मिलेगा जब पार्टी द्वारा किसी एक पर भरोसा कर चुनाव का टिकट थमा देता है? जिस तरह का जोश उत्साह वर्तमान दावेदार अभी दिखा रहे हैं वह टिकट वितरण के बाद भी नजर आती है या नही ? भविष्य में क्या होगा समय के तय करेगा पर भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के साथ वर्तमान विधायक की चिंता बढ़ा दी है जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी द्वारा धरमजयगढ विधानसभा क्षेत्र के 145 विषयक समस्याओं को लेकर आज तहसील कार्यालय घरघोड़ा का घेराव किया, शासन प्रशासन की नाकामी को लेकर भाजपा नेता जमकर बरसे साथ ही स्थानीय विधायक लालजीत राठिया पर आरोप मढ़ते हुए निष्क्रिय विधायक कहा, दस साल से धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहते हुए एक भी जन सरोकार कार्य नहीं होने से जनता में आक्रोश है यह कहना है, आदिवासी भाजपा नेताओं का क्षेत्र के 145 समस्या को लेकर हाई स्कूल मैदान से पैदल चलते हुए कर्मा नृत्य के सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों साथ तहसील कार्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा।
पहली बार धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेताओं का एकजुटता चर्चा का विषय बना
स्व.ओमप्रकाश राठिया जब 2003 में धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने तब से भाजपा में फुट पड़ने की खबर आती रहती थी, बीच बीच में पार्टी का कलह बाहर भी दिखाई देता था, इस कारण तत्कालीन विपक्ष के नेताओं द्वारा भाजपा पर तंज कसा जाता था, ओपी राठिया अपने विधायक कार्यकाल में पार्टी में मतभेद दुर करने में असफल रहे थे जिसका भारी नुक़सान भाजपा को इस क्षेत्र में उठानी पड़ी, जिसके कारण भाजपा का सरकार रहते हुए भी धरमजयगढ विधानसभा सीट को यहां भाजपा भारी अंतराल से हार गई थी, राजनितिक विश्लेषण दोनों हार की वजह को पार्टी की अंदरूनी कलह को प्रमुख कारण माना था। भाजपा में आदिवासी नेताओं की बहुलता होने के बाद भी आदिवासी वोटरों को साधने में नाकामी कारण आदिवासी नेताओं का अलगाव मतभेद का लाभ कांग्रेस पार्टी को मिलता रहा है। इसी अलगाव को एकजुटता में परिवर्तित करने के लिए संगठन ने पार्टी के सभी आदिवासी नेताओं पर मेहनत किया है, भाजपा के भीतर खाने से जानकारी में आया है कि धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सभी दावेदारों को एक मंच में लाने का प्रयास दो सालों से लगातार संगठन कर रही थी इसके लिए अलग अलग क्षेत्रों का प्रभारी बनाकर पार्टी को उन क्षेत्रों में मजबूत करने की ज़िम्मेदारी देकर पार्टी ने सौंपा था, जिसमें सभी नेताओं ने अपना दमखम दिखाया था, आज धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पास आदिवासी नेताओं की लंबी लिस्ट है जिसमें प्रमुख रूप से राधेश्याम राठिया, हरिशचंद्र राठिया, ताराचंद राठिया, संतोष राठिया, रामनाथ बैगा, व स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया की बहु पुर्व प्रत्याशी लीनव राठिया, रजनी राठिया प्रमुख आदिवासी नेताओं में सुमार है, भाजपा ने धरमजयगढ विधानसभा क्षेत्र में समन्वय स्थापित करने के लिए लगातार बाहर से प्रभारी बनाकर भेजा। धरमजयगढ़ विधानसभा सीट को भाजपा इस बार हर हाल में जीतना चाहती है इस लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं का कार्यक्रम लगातार इस क्षेत्र में किया जा रहा है जिसमें ओपी चौधरी, अभिषेक सिंह, अनुराग ठाकुर, जैसे नाम है जो लगातार धरमजयगढ़ क्षेत्र में दौरा कर पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं। अब देखना यह है कि टिकट वितरण के बाद भी भाजपा में यहीं जोश उत्साह क़ायम रह पातीं है या कांग्रेस पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक की रणनीति पूर्व की भांति सबपर भारी रहेगी, आज घरघोड़ा में जिस एक जुटता के साथ धरमजयगढ़ घरघोड़ा छाल कापू व कुडूमकेला मंडल के सभी पदाधिकारी एक साथ नजर आए व सभी आदिवासी नेता एक होकर इस बार चुनाव लड़ने की बात दमदारी से करते हुए लालजीत राठिया को परास्त करने की बात कहां तक पहुंचती है यह समय के गर्भ में है।
भाजपा के आदिवासी नेताओं ने जिस तरह से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शंखनाद किया है, इससे तो निश्चित ही वर्तमान विधायक को चिंता करने की आवश्यकता है, घरघोड़ा तहसील कार्यालय का घेराव कर 145 विषयों पर जो जन समस्या को प्रशासनिक टेबल पर भाजपा नेताओं ने रखा है, वह वर्षों से जनता के लिए नासूर बना हुआ है, जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में वर्तमान विधायक को उठाना पड़ सकता है।