भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर
टीम इंडिया ने 7 विकेट से द.अफ्रीका को हराया, भारत केपटाउन में टेस्ट मैच जीतने वाला पहला एशियाई देश
केपटाउन। भारत ने टेस्ट इतिहास के अब तक के सबसे छोटे मैच में दक्षिण अफ्रीका पर सात विकेट की जीत से दो मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। भारत की न्यूलैंड्स पर सात प्रयासों में यह पहली जीत है। केपटाउन के न्यूलैंड्स ग्राउंड पर भारत पहली बार कोई टेस्ट मैच जीता है। 31 सालों का इंतजार आखिरकार समाप्त हुआ। यह केपटाउन में सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि किसी भी एशियाई टीम की पहली जीत है। पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश अब तक यहां नहीं जीत पाया।
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने गुरुवार को ऐसा खतरनाक स्पैल डाला कि दक्षिण अफ्रीका लंच से ठीक पहले दूसरी पारी में 36.5 ओवर 176 रन पर ढेर हो गई जिससे भारत को जीत के लिए 79 रन का लक्ष्य मिला। यह लक्ष्य भारत ने 12 ओवर में तीन विकेट पर 80 रन बनाकर टीम को पांचवें सत्र के अंदर जीत दिलाई। जीत के लिए बुमराह और मोहम्मद सिराज के प्रदर्शन के लिए याद रखा जाएगा। सिराज ने अपने कॅरियर के सर्वश्रेष्ठ छह विकेट के प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 55 रन पर समेटने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
बुमराह ने किया कमाल
बुमराह ने छह विकेट लेने के साथ कई रिकॉर्ड बनाए। वह अफ्रीकी धरती पर तीन बार पांच विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बने। उनसे पहले जवागल श्रीनाथ ने ऐसा किया था। अफ्रीकी धरती पर विकेट लेने के मामले में भी वह मोहम्मद शमी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गए। बुमराह के नाम 38 विकेट हैं। श्रीनाथ 40 विकेट और कुंबले 45 विकेट उनसे आगे हैं।
रोहित ने की धोनी की बराबरी
रोहित श्रृंखला बराबर होने से महेंद्र सिंह धोनी (2010-11) के बाद दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला ड्रा कराने वाले दूसरे कप्तान बन गए। हालांकि दक्षिण अफ्रीका अब भी भारत के लिए अजेय किला बना हुआ है क्योंकि वह इस देश में अब तक कोई भी टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत सका है।
रोहित की कप्तानी कौशल का नतीजा
कप्तान रोहित के लिए बतौर कप्तान क्रिकेट के चार बड़े देश दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट जीतना शानदार है लेकिन इसमें उनके द्वारा लिए गए फैसलों से उनका कप्तानी कौशल दिखाई दिया। मुकेश कुमार (चार विकेट) को शार्दुल ठाकुर के स्थान पर खिलाना अच्छा फैसला रहा। पहले टेस्ट में सेंचुरियन में मिली पारी और 32 रन की हार के बाद गेंदबाजों ने गेंदबाजी करने की आदर्श लेंथ भी जानी। बुमराह और सिराज ने पहली पारी में जिस तरह पिच के मिजाज को परखा, वह काबिलेतारीफ रहा जो इस बात का उदहारण है कि मौजूदा पीढ़ी करारी हार के बाद भी घुटने नहीं टेकती।