बस्तर गोंचा नेत्रोत्सव पूजा विधान में शामिल हुए भक्त

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भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा व बलभद्र स्वामी का दर्शन लाभ लिया श्रद्धालुओं ने
आज 22 विग्रहों को रथारूढ़ कर निकाली जाएगी रथयात्रा

जगदलपुर। बस्तर गोंचा नेत्रोत्सव पूजा विधान में सोमवार को भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के विग्रहों को श्री मंदिर के गर्भगृह के समक्ष भक्तों के दर्शनार्थ स्थापित किया गया। इस दौरान पदेन पुजारी द्वारा नेत्रोत्सव पूजा सम्पन्न कराया गया। पूजा के दौरान भारी संख्या में भक्त मौजूद थे। मंगलवार को श्रीगोचा रथयात्रा प्रारम्भ होगा जिसमें ागवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को रथारूढ़ कर रथयात्रा निकाली जाएगी। बस्तर गोंचा पर्व 2023 में तय कार्यक्रम के अनुसार 5 जून से 18 जून तक श्रीजगन्नाथ स्वामी के अनसर काल अवधि के बाद आज 19 जून को भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के विग्रहों को श्रीमंदिर के गर्भगृह के सामने भक्तों के दर्शनार्थ स्थापित किसे जाने के बाद 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के पदेन पाढ़ी पानीग्राही के द्वारा शताब्दियों पुरानी परंपरानुसार नेत्रोत्सव पूजा विधान संपन्न करवाया गया। पदेन पाढ़ी राधाकांत पानीग्राही ने बताया कि नेत्रोत्सव पूजा विधान की परंपरा का निर्वहन शताब्दियों से हमारे परिवार के द्वारा किया जा रहा है। नेत्रोत्सव पूजा की परंमपरानुसार भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र के विग्रहों की साज-श्रृंगार के साथ विधि-विधान से पूजन-हवन के साथ संपन्न किया जाता है। अनसर काल अवधि के बाद भगवान को आज विशेष भोग का अर्पण किया गया। जिसे मौजूजद श्रृद्धालुओं में वितरित किया गया। उन्होने बताया कि 15 दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के दर्शन एवं भोग प्रसाद का विशेष महत्व होता है। 20 जून को भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को रथारूढ़ कर रथयात्रा होगी।

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