बचरवार में मिला अत्यंत दुर्लभ और खतरनाक जहर वाला सांप
गौरेला- पेंड्रा। जिले के बचरवार गांव में गेंदे के फूल में लिपटे एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला। इसकी सूचना लोगों ने स्नेक रेस्क्यू टीम को दी। मौके पर पहुंचे स्नेक मैन के नाम से मशहूर सर्प रक्षक द्वारका कोल ने सांप का रेस्क्यू किया। यह बंबू पिट वाईपर सांप है जो कि यह प्राकृतिक वातावरण में हरे भरे पेड़ पौधों के बीच रहता है। यह सांप जितना सुंदर दिखता है, उतना ही अधिक विषैला भी होता है और जिले में यह सांप कुछ इलाके में देखने को मिलता है। वही सांप का रेस्क्यू कर स्नेक मैन द्वारिका कोल ने जंगल में छोड़ दिया। यह सांप देखने मे काफी सुंदर होते हैं, वहीं जितना दिखने में ये सुंदर होते हैं उतना ही ज्यादा जहरीले होते हैं। इनमें हिमेटॉक्सिक विष पाया जाता है। आमतौर पर ये सांप सुस्त व शांत नजर आते हैं, लेकिन छेड़े जाने की स्थिति में ये डस लेते हैं। वाइपर प्रजाति होने की वजह से ये अत्यन्त विषैले होते हैं और भारत में इनके डसने के बहुत कम मामले हैं, वहीं सर्प मित्र ने बताया कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में इसके विष के लिए लिए एंटी वेनम की व्यवस्था नहीं है। कहा जाता है कि हरे रंग का ये वाइपर छत्तीसगढ़ में लगभग सभी जगहों पर पाया जाता है और इन्हें जमीन पर रहना पसंद नहीं है। ये पेड़ के तनों, शाखों, पत्तों व नारों पर घूमते रहते हैं, वहीं हरा रंग होने की वजह से ये ये हरे रंग में मिल जाते हैं, ऐसे में आसानी से ये नजर नही आते, जिस वजह से इन्हें दुर्लभ सांप माना जाता है।
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