ईडी की कार्रवाई को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
सुशील आनंद ने कहा- कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, पिछले लगभग एक साल से भाजपा द्वारा राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से इंकम टैक्स तथा ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। ईडी अपने संवैधानिक दायरों से बाहर जाकर कार्रवाई कर रही है। ईडी अपने अधिकारों से बाहर काल्पनिक और मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उसका उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार की छवि खराब करना है। उन्होंने कहा, ईडी द्वारा काल्पनिक शराब घोटाले में सरकार को बदनाम करने के षड्यंत्र में पूरी तरह से विफल रहने के बाद अब भाजपा के इशारे पर नोएडा पुलिस में एक गैरकानूनी एफआईआर दर्ज की गयी है। देश के इतिहास का संभवतः यह पहला अनोखा प्रकरण होगा, जिसमें ईडी अधिकारियों द्वारा किसी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई होगी। कानूनी प्रावधान तो यह है कि ईडी की कार्यवाही स्वयं किसी अन्य एजेंसी द्वारा एफआईआर लिखे जाने के बाद ही आरंभ हो सकती है। फिर छत्तीसगढ़ में उल्टी गंगा क्यों बहायी जा रही है? उन्होंने कहा, ईडी की जांच में यह उल्लेख नहीं है कि होलोग्राम टेंडर में अपनायी गयी प्रणाली में क्या कमियां थीं? ईडी अधिकारियों द्वारा टेंडर प्रक्रिया की भी जानकारी नहीं ली गई। उन्होंने बताया कि होलोग्राम क्रय समिति में आबकारी विभाग के अधिकारियों के अलावा एनआईटी के दो प्रोफेसर एनआईसी के प्रतिनिधि एवं वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। होलोग्राम आपूर्ति की निविदा को विभिन्न चरणों में विस्तृत परीक्षणोंपरान्त ही अंतिम रूप दिया गया था।
केदार गुप्ता बोले- भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई से कांग्रेस परेशान क्यों
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा, जब भ्रष्ट अधिकारियों व कुछ लोगों पर ईडी एवं आईटी के छापे की कार्रवाई हो रही है, तो कांग्रेस क्यों परेशान है। कांग्रेस का हाथ क्या भ्रष्टाचारियों के साथ है, इस पर कांग्रेस को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। शराब घोटाला, कोयला घोटाला और ऐसे दर्जनों घोटालों में कांग्रेस पूरी तरह डूबी हुई है। साक्ष्यों के साथ मामले अदालत में पेश किए जा रहे हैं। न्यायालय साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को जेल भेज रहा है, संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है। श्री गुप्ता ने कहा, अधिकारियों एवं व्यवसायियों के बीच बातचीत के ऑडियो एजेंसियों ने न्यायालय में पेश किए हैं। इसके अलावा हजारों दस्तावेजी सबूत ईडी और आईटी ने रायपुर, दिल्ली और भोपाल में दर्ज मामलों में पेश किए हैं। इन दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से यह दिन के उजाले की तरह साफ है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से किस तरह से सुनियोजित और संगठित लूट के लिए माफिया और सरकारी अधिकारियों के बीच गठजोड़ बन गया था। श्री गुप्ता ने कहा कि इस गठजोड़ के पीछे कांग्रेस सरकार के सर्व शक्तिमान चेहरों की संलिप्तता को लेकर भी दोनों एजेंसियों ने न्यायालय में सबूत पेश किए हैं। ईडी ने उच्चतम न्यायालय और रायपुर के विशेष न्यायालय में अलग-अलग हलफनामों में बार-बार इंगित किया है कि यह संगठित लूट सत्ता के शीर्ष पर बैठे व्यक्ति और उसके चेहेतों के इशारों पर हो रही थी। वहीं दूसरी ओर घोटाले में फंसे कांग्रेसी इसे षड़यंत्र करार देने का प्रयास कर रहे हैं।