अपने नवजात को फेंकने वाली महिला को सात साल का सश्रम कारावास
अपर सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला
धमतरी। प्रसव को गुप्त रूप से छिपाने के लिये नवजात शिशु को फेंकने वाली महिला को अपर सत्र न्यायाधीश ने सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार घटना 17 जुलाई 2022 की है। अर्जुनी थाना क्षेत्र के ग्राम पोटियाडीह निवासी 27 वर्षीय महिला खपरी तालाब के पास धमतरी में किराये के मकान में रहती थी। गर्भवती होने पर महिला ने 17 जुलाई 2022 की रात्रि नवजात शिशु को जन्म दिया। प्रसव को छिपाने के लिये महिला ने अपने नवजात शिश के मृत शरीर को मकान के पीछे स्थित तालाब के पानी में फेंक दिया था। शिशु के शव को महिला ने कुछ घंटे बाद खपरी तालाब से बाहर निकालकर सेन समाज भवन के सामने स्थित खाली प्लाट में गड्ढे में डालकर पत्थर से ढंक दिया। दूसरे दिन 18 जुलाई को मृत नवजात शिशु के पड़े होने की सूचना मोहल्लेवासियों ने कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। पंचनामा कार्रवाई पश्चात शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस आरोपी अज्ञात महिला के खिलाफ धारा 315:1 भादसं के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में जुट गई। जांच में अज्ञात आरोपी महिला की पहचान होने पर पुलिस ने प्रकरण अपर सत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीसी धमतरी सुनीता टोप्पो ने दोनों पक्षों को सुनने व सबूतों को देखने के बाद आरोपी महिला पर दोष सिद्ध होना पाया। न्यायाधीश ने आरोपी महिला को धारा 315 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास व 5 सौ रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।