जगदलपुर में भाजपा देख सकती है महापौर बनाने का सपना, बहुमत नहीं होने के बावजूद बनाया था जिला पंचायत अध्यक्ष,महापौर के दावेदारों पर जगदलपुर के कांग्रेसियों में सिर-फुट्टवल,क्रास वोटिंग की आशंका से सहमा सत्तारूढ़ दल

Spread the love

जगदलपुर। बहुमत नहीं होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने जगदलपुर में महापौर का सपना देखना शुरू कर दिया है। यह सपना उसने अतीत के पन्नों को पलटने के बाद देखना शुरू किया है क्योंकि ठीक पांच साल पहले अल्पमत में होने के बावजूद भाजपा ने जिला पंचायत में अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाबी हासिल की थी। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के जिन नेताओं की रहनुमाई में पांच साल पहले भाजपा को जिला पंचायत में सफलता मिली थी, वही नेता इस समय सक्रिय हैं और अपने पसंद का महापौर नहीं बनाए जाने की स्थिति में वे कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

48 सदस्यों वाले नगर निगम जगदलपुर में कांग्रेस के 28 पार्षद जीतकर आए हैं। भाजपा ने 19 वार्डों में सफलता हासिल की है जबकि एक वार्ड के मतदाताओं ने निर्दलीय पर विश्वास जताया है। इन अंकों को देखकर पार्टी का प्रदेश नेतृत्व दावा कर रहा है कि जगदलपुर में कांग्रेस का महापौर बनना तय है लेकिन जगदलपुर कांग्रेस के अंदर मची खींचतान को देखकर 19 पार्षदों वाली भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद की किरणें दिखाई पडऩे लगी हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस खेमे से आने वाली खबरों के बाद भाजपा के कई बड़े नेता सक्रिय हो गए हैं। उन्हें लगने लगा है कि थोड़े से प्रयास से वे कांग्रेस के कई पार्षदों को तोड़ सकते हैं और परदे के पीछे से उन्हें कांग्रेस के कई स्थानीय नेताओं का सहयोग मिल सकता है।

कांग्रेस नेताओं में रार
कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों में महापौर पद के लिए कविता साहू, सफीरा साहू तथा सुनीता सिंह का नाम उभरकर सामने आया है। इनमें से किसी भी नाम पर स्थानीय कांग्रेस नेता एकमत नहीं हैं। सांसद दीपक बैज और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मलकीत सिंह गैंदू की कोशिश है कि कविता साहू को महापौर बनवा दिया जाए। कविता साहू के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक महासचिव भी सिफारिश कर रहे हैं। लेकिन संगठन खेमा इसके लिए राजी नहीं है। संगठन खेमे का मानना है कि महापौर पद के लिए उनकी पसंद को महत्व मिलना चाहिए क्योंकि बीते पांच साल में होने वाले सभी चुनावों में संगठन की मेहनत व रणनीति की बदौलत कांग्रेस को सफलता मिलती आई है। उनका तर्क है कि विपक्ष की राजनीति करते हुए उन्होंने कई तरह के संघर्ष किए, प्रताडऩा झेली, जिसके बाद बस्तर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना और सफलताएं मिलती गईं। इसलिए पार्टी नेतृत्व को उन्हें महत्व व तवज्जो देना चाहिए। इस बीच महापौर पद की तीसरी दावेदार सुनीता सिंह ने राज्य सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव के माध्यम से दावा पेश करने की कोशिश में हैं।

अंतिम फैसला करेंगे मुख्यमंत्री
प्रदेश के अन्य नगर निगों की तरह जगदलपुर में भी महापौर पद के लिए अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का होगा। इसके लिए उन्होंने 30 दिसम्बर से सभी जिलों के कांग्रेस पदाधिकारियों से चर्चा कर एक राय बनाने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के स्थानीय नेताओं की पसंद से ही महापौर बनाए जाएंगे। किसी भी नगर निगम में पार्टी नेतृत्व महापौर को नहीं थोपेगा।

जिला पंचायत में कांग्रेस खा चुकी है गच्चा
2015 के जिला पंचायत के चुनाव में कांग्रेस के पास 09 सदस्य होने के बावजूद 06 सदस्यों वाली भाजपा अपना अध्यक्ष बनाने में सफल हुई। उस समय जिला पंचायत में अध्यक्ष बनाने की जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व ने दीपक बैज, मलकीत सिंह गैंदू और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राजेश तिवारी को दी थी लेकिन वे क्रास वोटिंग को नहीं रोक पाए। परिणाम घोषित होने के बाद कार्यकर्ता आक्रोशित हुए और उन्होंने दोषी नेताओं के पुतले फूंके और अर्थियां निकालीं जिसकी गूंज रायपुर से लेकर दिल्ली तक पहुंची। जिसके बाद हाईकमान ने जांच कमिटी गठित की। प्रदेश कांग्रेस की मोहम्मद अकबर और किरणमयी नायक की जांच समिति ने उक्त कांग्रेसजनों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की सिफारिश भी की थी लेकिन धीरे-धीरे इस मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।

भाजपा की पैनी नजर
पांच साल पहले अल्पमत में होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में सफलता हासिल करने वाली भाजपा इस बाद फिर उम्मीदों से हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जगदलपुर में कांग्रेस के नेता जिस तरह से प्रतिष्ठा बनाकर आपस में भिड़े हुए हैं, उसका फायदा भाजपा को मिल जाएगा क्योंकि जिस खेमे के दावेदार को महापौर नहीं बनाया जाएगा, वह निश्चित रूप से भितरघात करेगा और ऐसे समय में होने वाली क्रास वोटिंग का फायदा भाजपा को मिलेगा। इस बात को ध्यान में रखकर भाजपा ने रोड मैप बनाना शुरू कर दिया है। वे कांग्रेस के कमजोर पार्षदों के साथ पार्टी के दोनों गुटों के नेताओं से भी सम्पर्क करना शुरू कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *