केला और पपीता के साथ अंतवर्तीय फसलों की खेती को बढ़ावा दें : संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन वी.

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  • संचालक उद्यानिकी ने बिलासपुर क्षेत्र में फलोत्पादन की स्थिति का मुआयना किया

रायपुर, संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन वी. ने बीते दिनों बिलासपुर अंचल के विभिन्न गांवों का दौरा कर वहां कृषकों द्वारा की जा रही केले एवं पपीते की खेती का मुआयना किया। इस दौरान वह गौठानों में सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य महिला स्व-सहायता समूहों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की।

माथेश्वरन वी. ने फलदार पौधों की खेती के साथ-साथ अंतवर्तीय फसलों की खेती को बढ़ावा देने की बात कही, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके। बिलासपुर जिले के ग्राम कडार में केला और पपीता की सफल खेती को देखते हुए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आस-पास के गांवों के कृषकों को भी इसके लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने को कहा।

संचालक उद्यानिकी ने विभागीय अधिकारियों को फलोत्पादन को बढ़ावा एवं मार्केटिंग की सुविधा को देखते हुए गांवों का क्लस्टर बनाने के निर्देश दिए। इससे पूर्व उन्होंने शासकीय उद्यान रोपणी बिलासपुर का दौरा कर वहां राज्य पोषित पोषण बाड़ी योजना के अंतर्गत जिमीकंद बीजोत्पादन की तैयारियों का भी अवलोकन किया।

रोपणी परिसर स्थित प्लग टाईप सीडलिंग यूनिट के माध्यम से रोपणी की आय बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए। संचालक उद्यानिकी ने बिल्हा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बैमा के कृषक बाबूलाल पटेल एवं ललित पटेल के केला प्रक्षेत्र का अवलोकन किया तथा अंतवर्तीय फसलों एवं मार्केट लिंकेज के बारे में भी कृषकों से विस्तार से चर्चा की। ग्राम पंचायत सेलर में 25 हेक्टेयर में फलोद्यान एवं वानिकी पौधों के रोपण की तैयारियों तथा 8 एकड़ में रोपणी एवं गौठान स्थल का भी मुआयना किया।

संचालक उद्यानिकी ने ग्राम चकरभाटा एवं ग्राम हथनी के गौठान से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों से सब्जी उत्पादन एवं फलदार पौधों के रोपण के संबंध में चर्चा की तथा ग्राम पंचायत कडार के कृषक दिनेश पाण्डेय के केला एवं पपीता प्रक्षेत्र का मुआयना किया।

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