कांग्रेस का एकजुटता का संदेश, ड्यूटी खत्म राजनीति शुरू

Spread the love

दो महापौरों का दंगल, ग्रामीण वोटबैंक होगा निर्णायक

अनुराग शुक्ला ( न्यूज टर्मिनल : जगदलपुर)


कांग्रेस में घमासान के बाद दो महापौर का दंगल अब जनता के बीच होगा। टिकट की दौड में लगे कांग्रेस और भाजपाई में असंतोष के स्वर हैं। इससे भीतरघात की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। भाजपा में दो बार के विधायक संतोष बाफना ने टिकट नहीं मिलने पर पहले ही इस विधानसभा में काम नहीं करने की घोषणा की है। कांग्रेस में तीन से चार नामों पर घमासान था। हालांकि बाद में खुलासा हुआ कि स्क्रीनिंग कमेटी के पास दो ही नाम गए थे जिसमें से जतीन जायसवाल के नाम पर मुहर लगी। भाजपा अपने प्रत्याशी किरण देव के साथ काम में लग गई है। असंतुष्टों को मनाया जा रहा है। कथित बडे वर्ग का ध्रुविकरण तय है। बीस साल में यह पहला मौका है जब दोनों में से किसी भी सीट पर प्रत्याशी जैनी समुदाय से नहीं है। पदेन विधायक रेखचंद जैन की टिकट कटने का जो असर शहर में दिख रहा है उससे ज्यादा असर ग्रामीण अंचल में है। लोग इस विधायक को भले ही सरकारी योजनाओं के क्रियान्यवयन के नाम पर ही सही जानते तो हैं। ऐसे में ग्रामीण वोट बैंक बेहद अहम भूमिका निभाने की तैयारी में है। रेखचंद, मलकीत सिंह और राजीव शर्मा की टिकट कटने के बाद कांग्रेस में सभी को एक छत के नीचे लाने का दौर शुरू हुआ। इसी कमान संभाली सीएम भूपेश बघेल ने उन्होंने जतीन जायसवाल के नामांकन से पहले एक आम सभा में कांग्रेस के सभी असंतुष्टों को एक छत के नीचे किया और एकजुटता के संदेश के साथ ही चुनाव का आगाज किया। एकजुटता के इस संदेश के बाद सीएम बघेल अपने समर्थकों के साथ रवाना हुए। कांग्रेस में इसके बाद से ही कई लोगो की ड्यूटी खत्म हो गई और राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी जतीन जायसवाल को सभी से आश्वासन मिलना शुरू हो गया है। यह जमीन पर कितना कारगर होगा यह तो चुनाव के पहले का माहौल और नतीजे ही साबित करेंगे। इसी के विपरित भाजपा के किरण देव ग्रामीण दौरे को ही पहला महत्व दे रहे हैं। कांग्रेस ने भी ग्रामीण इलाके में फोकस का रोड मैप तैयार कर लिया है।

शहर में फेस वैल्यू का चुनाव

कांग्रेस और भाजपा के दोनों की प्रत्याशी जनता को बतौर महापौर अपनी सेवा दे चुके हैं। दोनो ही प्रत्याशी का परिवार यहां के लिए नया नहीं है। प्रत्याशी भी मिलनसार और मृदभाषी हैं। दोनों के फेस वैल्यू का शहर में बराबरी का असर है। कांग्रेस को जो लाभ मिलेगा वो पांच साल की सत्ता का है। इससे शहरी इलाके में जिनको लाभ मिला है वो कांग्रेस के साथ होंगे। कई रूष्ट भी होंगे जो भाजपा का दामन थाम सकते हैं। पार्टी के अलावा व्यक्तिगत छबि का भी इस चुनाव पर असर दिखेगा। दोनो ही महापौर के कार्यकाल में पार्षदों की संतुष्टि का असर भी इस चुनाव में दिखने की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *