राजनीति के क्षेत्र में चौहान समाज की दिखी ताकत, जनप्रतिनिधियों का सम्मान 7 अप्रैल को , वित्त मंत्री चौधरी होंगे मुख्य अतिथि

नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में जीत कर आए चौहान समाज के जनप्रतिनिधि

घरघोड़ा(गौरी शंकर गुप्ता)। अबकी बार के नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चौहान समाज एक बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आया है। उसने महापौर रायगढ़ जिला तथा जनपद अध्यक्ष रायगढ़ , पुसौर व अनेकों जिला एवं जनपद सदस्य दर्जनों सरपंच , उप सरपंच पद पर शानदार जीत हासिल कर सबको चौकाया है। राजनीति के क्षेत्र में बेहतर उपस्थिति को लेकर चौहान समाज बड़ा उत्साहित है , उसने आपसी राग-द्वेष भुलाकर उनका गौरव बढ़ाने वाले सभी सामाजिक जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने का निर्णय लिया है। यही नही इसके लिये सामाजिक बंधुओं ने आपस मे ही धन जुटाने का निर्णय लिया है। 7 अप्रैल को रायगढ़ के पंजरीप्लांट स्थित आडिटोरियम में सुबह 10 बजे से आयोजित उनके सम्मान समारोह में प्रदेश के वित्त मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक ओपी चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आयोजन को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है , बैठकों का दौर जारी है। वे चाहते हैं कि चौहान समाज में आगे बढ़ने की ललक के साथ उनमें चेतना जागृत हो , जिससे उनके बीच से सामाजिक बंधु आगे बढ़कर समाज के लिये गौरव बन सके। उनके अनुसार उनका सामाजिक ढांचा मजबूत है और ब्लॉक स्तर तक उसका विस्तार कर लिया गया है , यह अलग बात है कि सम्मान समारोह से जोड़ने के लिये सूचना तंत्र को और ज्यादा प्रभाव शाली बनाने की जरूरत है। जिससे कि कार्यक्रम ऐतिहासिक हो और इससे समाज में महिला युवाओं को आगे आने की प्रेरणा मिले।
स्वजातीय बंधुओ से समारोह में आने का आह्वान
सम्मान समारोह समिति के वरिष्ठ संरक्षक महाबीर गुरु जी , अध्यक्ष हरीशंकर चौहान ने पुसौर , लैलूंगा , खरसिया ,घरघोड़ा , धरमजयगढ़ , तमनार , रायगढ़ व रायगढ़ पूर्वी क्षेत्र के सामाजिक पदाधिकारी , सदस्य व कार्यकर्ताओं से कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है।
पहले की तरह आदिवासी वर्ग में शामिल हो चौहान समाज
आजादी के बाद भारत में 1949 मध्य प्रांत बरार स्टेट की राजधानी नागपुर हुआ करती थी , इस स्टेट में अविभाजित मध्यप्रदेश आया करता था। तब चौहान समाज जातियों की सूची में आदिवासी वर्ग में शामिल था। मगर 1956 में मध्य प्रदेश के गठन होने पर वर्ग को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया। सामाजिक स्तर पर चौहान समाज के लोगों ने अपनी जाति को मूल स्वरूप मतलब आदिवासी संवर्ग में ही शामिल करने आवाज उठाई ; अब तक इस ओर ध्यान नही दिया गया। समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा इस एक सूत्रीय बहुप्रतीक्षित मांग को श्री चौधरी के समक्ष रखने की संभावना व्यक्त की जा रही है।