राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने बैठक लेकर की लंबित प्रकरणों की समीक्षा

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कहा- महिला सुरक्षा, बाल अधिकार व वरिष्ठ नागरिकों के संबंधित मामलों को प्राथमिकता से करें निराकृत

कांकेर। राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री गिरिधारी नायक ने आज जिले के प्रवास के दौरान जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा एवं उनके अधिकार तथा वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार से संबंधित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। लंबित प्रकरणों की प्रगति की जानकारी कलेक्टर श्री निलेश महादेव क्षीरसागर और एसएसपी श्री इंदिरा कल्याण एलेसेला व अन्य जिला स्तर के अधिकारियों से प्रकरणवार ली।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 11.00 बजे आयोजित बैठक में आयोग के अध्यक्ष द्वारा पूछे जाने पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि जिले के सभी आश्रम-छात्रावासों में वहां निवासरत विद्यार्थियों की निर्धारित संख्यानुसार शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है तथा पेयजल की उपलब्धता है। कलेक्टर ने बताया कि कुछ छात्रावासों में पुराने हो चुके शौचालयों की सूची मंगाकर वहां नए शौचालय निर्माण कार्य की स्वीकृति विभागीय व जिला न्यास निधि मद से प्रदाय की गई है। छात्रावासों में अहाता की उपलब्धता पर सहायक आयुक्त ने बताया कि जिले के सभी कन्या छात्रावास अहातायुक्त हैं। आयोग के अध्यक्ष ने बालक छात्रावासों में अहाता निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश सहायक आयुक्त को दिए। इसी प्रकार पेंशन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान वरिष्ठ कोषालय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पेंशन के पुराने प्रकरण लंबित नहीं हैं तथा वर्तमान में 36 लंबित प्रकरण पर आवश्यक कार्यवाही हेतु संभागीय कार्यालय को नस्ती प्रेषित की गई है। उप संचालक समाज कल्याण ने जिले में संचालित वृद्धाश्रम की व्यवस्थाओं एवं वृद्धजनों को दी जाने वाली पेंशन की जानकारी दी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए जिला अस्पताल में सेवा देने वाली महिला चिकित्सकों व कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली तथा सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम को दिए। इसी तरह जिले में डॉग बाइट के मामलों पर संज्ञान लेते हुए आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जिले में 2996 डॉग बाइट के प्रकरण सामने आए हैं जिनमें से सर्वाधिक मामले कोयलीबेड़ा क्षेत्र से हैं। उन्होंने उक्त क्षेत्र में कुत्ते काटने के प्रकरणों को नियंत्रित करने आवश्यक उपाय करने के निर्देश डीपीएम को दिए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले के अस्पतालों में एंटी रैबीज की 2752 वैक्सीन का भण्डारण है जबकि 136 एंटी रैबीज सीरम भी स्टॉक में है। जिला जेल में कैदियों की स्थिति पर एवं उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले प्रशिक्षण व अन्य रोजगारमूलक गतिविधियों की जानकारी श्री नायक ने ली। जिले के कतिपय स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने के मामले को संज्ञान में लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए भी उन्होंने निर्देशित किया। बैठक के अंत में कलेक्टर ने आयोग के सभी निर्देशों का गम्भीरता से पालन करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। इस अवसर पर आयोग की संयुक्त सचिव श्रीमती शुभ्रा पचौरी, उप सचिव श्री श्याम साहू, संयुक्त सचिव श्री मनीष मिश्रा सहित अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुर्रे, एसडीएम कांकेर श्री अशोक मारबल एवं पुलिस व संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने किया जिला अस्पताल, जेल और थाने का निरीक्षण, दिए जरूरी निर्देश-
छत्तीसगढ़ राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री नायक ने बैठक के पश्चात जिला चिकित्सालय, जिला जेल, पुलिस थाना और वृद्धाश्रम, बालगृह का आकस्मिक निरीक्षण दल के सदस्यों के साथ किया तथा वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आवश्यक सुधार के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। सबसे पहले वे कोमलदेव शासकीय जिला चिकित्सालय पहुंचकर वहां विभिन्न वार्डों का सघन निरीक्षण कर स्टाफ एवं उपलब्ध दवाओं, सेवाओं व सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने वहां मेडिसिन वार्ड, आपातकालीन वार्ड, रेडियोलॉजी, हमर लैब, एनसीडी वार्ड, फिजियोथेरिपी एवं रिहैबिलिटेशन केन्द्र, ब्लड बैंक, किचन, ऑक्सीजन प्लांट का अवलोकन किया और साफ-सफाई एवं सुव्यस्थित रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही मरीजों व उनके परिजनों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए समय पर उपचार, एम्बुलेंस, व्हीलचेयर जैसे जरूरी उपकरण व पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश उपस्थित चिकित्सकों को दिए।
इसके पश्चात् वे जिला जेल पहुंचकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था, विचाराधीन बंदियों को दिए जाने प्रशिक्षण और चिकित्सीय सुविधाओं की जानकारी ली। इसके अलावा पूरे जेल परिसर का निरीक्षण कर बंदियों से चर्चा कर भोजन, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं के बारे में पूछा। इस दौरान उन्होंने सतत् बंदी सुधार कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश प्रभारी जेल अधिकारी को दिए। इसके पश्चात् पुलिस थाना कांकेर में रोजनामचा सहित विभिन्न पंजियों व नस्तियों का निरीक्षण किया तथा भण्डार कक्ष का भी मुआयना कर जरूरी निर्देश दिए। तदुपरांत आयोग की टीम ने ग्राम नंदनमारा स्थित वृद्धाश्रम, सिंगारभाट स्थित बालगृह (बालिका) और किशोर न्याय बोर्ड सहित भानुप्रतापपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध सेवाओं व सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार कुर्रे सहित पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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