राजिम कुंभ कल्प मेला : स्थानीय कलाकारों के लिए बना विशेष मंच

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राजिम। रामोत्सव पर आधारित राजिम कुंभ कल्प के प्रथम दिन स्थानीय कलाकारों के लिए  कुलेश्वर महादेव मंदिर के समीप कार्यक्रम मंच बनाया गया है। इस मंच पर प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कलाकरों अपनी प्रस्तुति देंगे। प्रथम दिवस टोकरो के जसगीत जगराता के संयोजक डोमेश और मनोज सेन के द्वारा जगतजननी मां जगदम्बा के छत्तीसगढ़ी जसगीत की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम को देख उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इसके पश्चात् पुरूषोत्तम सेन कचना कुरूद ने रामायण महाकाव्य की प्रस्तुति दी। जिसमें उन्होंने राम के बाल लीलाओ का वर्णन किया। उनके कथन से ऐसा महसूस हो रहा था कि हम सभी दशरथ के दरबार में चले गये हो जब पुरूषोत्तम सेन ने भगवान राम के बाल क्रियाओं को एक-एक करके बताया। पूरा मंच  राममय हो गया। इसी के बाद पूना बाई बंसोड़ अतरमरा ने पण्डवानी के माध्यम से द्रोपती और दुर्याधन के बीच हुए संवाद की प्रस्तुति दी।

सांस्कृतिक मंच पर राजेश अवस्थी रहेंगे मुख्य आकर्षण

राजिम कुंभ कल्प मेला में प्रतिदिन मुख्य मंच पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगा। मुख्य मंच के अलावा स्थानीय कलाकारों के लिए अलग से मंच बनाया गया है। जहां प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम होंगे। मुख्य मंच पर दूसरे दिन लोकधारा राजेन्द्र साहू, लोकदर्शन कलामंच अमर श्रीवास, लोकमंच राजेश अवस्थी की प्रस्तुति होगी।

वहीं कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने दूसरे मंच पर घनश्याम साहू भसेरा फिंगेश्वर द्वारा रामायण, योगेश सोनकर राजिम भजन संध्या, मोहित मोगरे द्वारा कमार नृत्य, तुलेश्वर धृतलहरे सेंदर का मंगल भजन, लखन लाल यादव धौरा भाठा द्वारा पण्डवानी, सुखदेव साहू जवईबांधा द्वारा जगराता, मोहित सिन्हा अभनपुर द्वारा लोक कलामंच की प्रस्तुति देंगे। यह जानकारी कार्यक्रम सहप्रभारी पुरूषोत्तम चंद्राकर ने दी।

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