वित्तमंत्री ओपी चौधरी के जन्मदिन पर विशेष : …और अमित शाह ने दी बड़ी जिम्मेदारी
रायपुर । भाजपा की प्रदेश सरकार में वित्त व आवास-पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी भले ही क्रिकेटर नहीं बने मगर क्रिकेट खेलना उनका पंसदीदा शगल है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, हाथ आजमा लेते है। आईएएस रहते मैदान में जमकर काम किया तो सियासत में भी धुआधार पारी खेली। उसी का नतीजा है कि पांच वर्ष की छोटी अवधि में वित्त मंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए, जिसे पाने में नेताओं को वर्षों लग जाते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायगढ़ के मतदाताओं से वायदा किया था कि वे ओपी चौधरी को जिता दें, वे उन्हें बड़ा आदमी बना देंगे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही अमित शाह ने अपना वायदा निभाया और ओपी चौधरी को बड़ा आदमी बना दिया। ओपी चौधरी आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
विधानसभा का पिछला चुनाव ओपी चौधरी ने खरसिया विधानसभा से लड़ा था। तब कांग्रेस के प्रत्याशी उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को 16,967 मतों से हराया था। हार के बाद भी ओपी चौधरी लगातार सक्रिय रहे थे। वे राज्य के प्रमुख मुद्दों को उठाने के साथ ही युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग भी करते थे। उनकी सक्रियता और कोरबा में कोयला चोरी का मुद्दा उठाने व सोशल मीडिया में वीडियो डालने पर उनके खिलाफ अपराध भी दर्ज हुआ था। वे लगातार कांग्रेस की नीतियों पर हमला करते हुए सक्रिय रहते थे। जिसके चलते उन्हें चुनाव हारने के बाद भी प्रदेश भाजपा महामंत्री का पद दिया गया था।
रायगढ़ जिले की रायगढ़ विधानसभा इकलौती ऐसी सीट है, जिसमें भाजपा ने जीत हासिल की है। खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़ व पड़ोसी जिले की सारंगढ़ विधानसभा में कांग्रेस जीती है। रायगढ़ विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश चौधरी को 129134 वोट मिले है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक को 64691 वोट मिले है।
भाजपा संगठन ने जिले की अन्य सीटों की जगह इकलौती रायगढ़ विधानसभा में ही फोकस किया था। यही वजह है कि जिले की अन्य विधानसभाओं में भाजपा हार गई और इकलौती रायगढ़ विधानसभा जीती। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रायगढ़ में ओपी चौधरी के पक्ष में रैली निकाली। साथ ही उन्होंने ओपी को चुनाव जितवाने की अपील करते हुए कहा था कि आप इन्हें विधायक बना कर भेजिए मैं इन्हें बड़ा आदमी बनाऊंगा। जिसका असर हुआ। ओपी चौधरी ने ने अपनी प्राथमिकता में युवाओं को रखा था। इंफ्रास्टक्चर विकास व शिक्षा सुविधाओं में बढ़ोतरी का वादा काम आया।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी जन्म 2 जून 1981 को हुआ है। वे रायगढ़ जिले की खरसिया ब्लॉक के ग्राम बायंग के रहने वाले है। इनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। जब ओमप्रकाश चौधरी मात्र 8 साल के थे तब उनके पिता का स्वर्गवास हो गया। उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। पिता की मौत के बाद उनकी माता कौशल्या ने पेंशन की आय से उनका पालन-पोषण किया। ओपी चौधरी ने पांचवीं तक की शिक्षा अपने गांव बायंग के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। फिर आठवी तक की शिक्षा जैमुरी से की। बारहवीं तक सरकारी स्कूलों में पढऩे के बाद उन्होंने पीईटी उत्तीर्ण की पर वह इंजीनियर न बन कर आईएएस ही बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भिलाई से बीएससी किया। ओपी चौधरी 2005 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर थे। पहली पोस्टिंग सहायक कलेक्टर के तौर पर 2006 में कोरबा में हुई। इसके बाद 2007 में उन्हें रायपुर में एसडीएम बनाया गया। 2007 में उन्हें जांजगीर जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया। वे राजधानी रायपुर के नगर निगम कमिश्नर भी रहे। साल 2011 में उन्हें दंतेवाड़ा में कलेक्टर के तौर पर पदस्थ किया गया। रायपुर कलेक्टर भी ओपी चौधरी रहे।
2018 में मिली हार से निराश हुए बगैर उन्होंने पराजय को अवसर में बदलते हुए पांच साल में उन्होंने छत्तीसगढ़ का चप्पा-चप्पा छान मारा। कभी दंतेवाड़ा में युवाओं के साथ क्रिकेट खेलते, कभी जशपुर में कार्यकर्ताओं के साथ रैली, कभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को रायपुर में टिप्स… इसे उन्होंने दिनचर्या बना लिया। ओपी चौधरी ने परिश्रम की बदौलत बड़े कम समय में छत्तीसगढ़ में अपना बड़ा जनाधार बना लिया। भाजपा में बृजमोहन अग्रवाल के बाद वे दूसरे नेता होंगे, जिनका सभी 33 जिलों में समर्थकों की अपनी फौज है। छत्तीसगढ़ में अपनी गहरी पैठ बनाने के साथ ही ओपी दिल्ली को भी साधे रखे। ओपी चौधरी 13 साल की आईएएस की सर्विस में तीन जिलों के कलेक्टर रहे। दंतेवाड़ा, जांजगीर और रायपुर जांजगीर जैसे गर्म जिले के कलेक्टर एसी बंद कर खिड़की, दरवाजे खोलकर लोगों से मिलते थे। खुद हवाई चप्पल, साधारण हाफ शर्ट पहने। इसलिए कि मिलने वाले गांव के लोग उन्हें अपने जैसे ही समझे और खुलकर अपनी बात रख सकें। जांजगीर कलेक्टर रहते ओपी इतने लोकप्रिय हो गए थे कि मिलने वालों की लाइन 100 मीटर लंबी हो जाती थी।
पीएम मोदी काम देखने पहुंचे
दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते ओपी एजुकेशन सिटी बनाकर देशव्यापी चर्चा में आए। एजुकेशन सिटी के कॉन्सेप्ट को देखने हार्वर्ड और कैंब्रिज के प्रोफेसर दंतेवाड़ा पहुंचे। योजना आयोग ने इसे सभी राज्यों में लागू करने कहा तो केंद्र ने ओपी को आईएएस का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान पीएम अवार्ड प्रदान किया। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो वे भी ओपी के काम को देखने दंतेवाड़ा पहुंचे थे।
ऑफिस में नहाते…
कलेक्टर रहते ओपी चौधरी दौरा और आम लोगों से मुलाकात खूब करते। फील्ड का विजिट उनका सुबह साढ़े छह बजे चालू हो जाता। चूंकि, घर में कोई था नहीं, पत्नी यूपीएससी की तैयारी के सिलसिले में दिल्ली में रहती, सो सुबह घर से कपड़े लेकर निकल जाते। फील्ड से सीधे ऑफिस पहुंचते और वहीं बाथरूम में नहाकर तैयार हो जाते। ओपी चौझरी ने तब बताया था, घर जाने में टाइम लगता, इसलिए वे ऑफिस में ही तैयार हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने दी जन्मदिन की बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्री ओपी चौधरी को जन्मदिन की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, मंत्रिमंडल के मेरे साथी, रायगढ़ के लोकप्रिय विधायक ओपी चौधरी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सत्यनारायण बाबा से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन में कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आपको उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें और आप हमारे छत्तीसगढ़ को विकसित प्रदेश बनाने के दिशा में समर्पित होकर कार्य करते रहें। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि युवाओं के प्रेरणास्त्रोत, छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में मेरे साथी एवं रायगढ़ विधानसभा के लोकप्रिय विधायक ओपी चौधरी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। मां महामाया से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।