April 28, 2025

कागजीघोड़ा साबित हो रहे बीएसएनएल के दावे , चार माह बाद भी नही मिली 5 जी सर्विस

0
IMG-20250428-WA0006
Spread the love

बिजली गुल होने कागजीघोड़ा साबित हो रहे बीएसएनएल के दावे , चार माह बाद भी नही मिली 5 जी सर्विस

साथ नेटवर्क गायब होने की शिकायत

उपभोक्ताओं में आक्रोश , शिकायत सुनने नही मिलते अधिकारी

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। बेहतर और सस्ती सेवा देने के नाम पर बीएसएनएल ने लोगों को छला है , चार महीने गुजरने के बाद भी उसकी ओर से फाइव जी सर्विस शुरू नही की जा सकी है। अर्थात उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के उसके दावे कागजीघोड़ा साबित हो रहे हैं , लोगों में आक्रोश है। संचार के क्षेत्र में जिओ , एयरटेल जैसी निजी कंपनियों के सामने कमजोर पड़ी भारत सरकार की बीएसएनएल कंपनी ने लोगों के बीच फिर से जगह बनाने के लिये सस्ती और बेहतर सेवा के लुभावने वायदे किए। लोगो ने उस पर भरोसा किया और फिर से एक मौका देकर बीएसएनएल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इसके लिये उसने निजी कंपनी को छोड़ा , मगर चार महीने बाद भी उसकी ओर से फोर जी-फाइव जी की सेवा शुरू नही हो सकी है , ऐसे में लोगों में तेजी से आक्रोश पनपने लगा है , वे बीएसएनएल पर भरोसे को आत्म घाती बताने लगे हैं। उनका कहना है कि जीओ और एयरटेल की अच्छी सेवा को छोड़कर सस्ते और सरकारी कम्पनी में फाइव जी नेटवर्क बेहतर मिलेगा। लेकिन सरकारी कंपनी बीएसएनएल में जनवरी में रजिस्ट्रेशन कराने के चार महीने के बाद भी न तो फाइव जी का नेटवर्क मिला और न ही वायदे के अनुसार कोई सुविधा दी गई। लोगों का कहना है कि जीओ और एयरटेल में तीन सौ रूपयें से अधिक का रिचार्ज कराने से छुटकारा पाने के लिये सरकारी कम्पनी में विश्वास किया। भरोसे का एक कारण निजी कम्पनियों में 28 और बीएसएनएल में 30 दिनों के हिसाब से महीने की गणना का होना है। इस लालसा में घरघोड़ा क्षेत्र के सैकड़ों उपभोक्ताओं ने निजी कम्पनियों को छोड़कर सरकारी कम्पनी पर विश्वास किया ।घरघोड़ा क्षेत्र मे बिजली का बुरा हाल है , उसके आने-जाने का कोई समय नही है अक्सर गुल होते ही रहती है , वहीं बीएसएनएल कम्पनी का बैटरी लो क्वालिटी का होने से इसे इलेक्ट्रिसिटी से जोड़ा गया हैं , ऐसे में बिजली जाने के साथ नेटवर्क भी बैठ जाता है , अर्थात मोबाइल निर्जीव हो जाता है ; जिससे उपभोक्ताओं के जरूरी काम प्रभावित होते हैं। उधर शिकायत सुनने के लिए जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर में मौजूद नही रहते , यहां तक कि एक अदना सा कर्मचारी मौक़े पर नहीं मिलता। इस बारे में अनेकों बार पूर्व मे उपभोक्ताओं द्वारा बैटरी बदलने की गुहार लगाई गई थी , इस पर जिम्मेदार इंजीनियर कहते हैं कि उपर से ही जब बैटरी नहीं मिल रही है , तो वे क्या करें ? घरघोड़ा क्षेत्र के तमाम उपभोक्ताओं को अब इस सरकारी कम्पनी मे आकर पछतावा हो रहा है। अर्थात वे न इधर के रहे न उधर के ..!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *