प्रकाश पर्व पर श्री गुरु तेग बहादुर को किया याद, धर्म की रक्षा के लिए दिए थे बलिदान


तेग बहादुर विद्यालय में किया गया स्मृति आयोजन
घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)।श्री गुरु तेग बहादुर की जयंती पर श्री गुरु तेग बहादुर उच्चतर माध्यमिक शाला में मनाई गई। गुरु जी ने आस्था विश्वास और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। गुरुजी को ‘हिंद की चादर’ कहा जाता है , सिखों के नवे गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश पर्व श्री गुरु तेग बहादुर उच्चतर माध्यमिक शाला में मनाया गया। इस अवसर पर गुरु जी की छायाचित्र पर समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह भोगल ने माल्यार्पण किया पश्चात त्रिलोचन सिंह ने दीप प्रज्वलित किया।

ज्ञानी श्रवण सिंह पाठ कर अरदास की। अरदास के पश्चात श्री गुरु तेग बहादुर शिक्षण समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह भोगल ने कहा कि गुरुजी एक कवि और गहरी आध्यात्मिक थे उनकी बहादुरी गरिमा मानवता गरिमा और मृत्यु आदि के बारे में विस्तार से लिखा है। जिन्हें गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है। मानव देह दुर्लभ है अतः जिसने जन्म दिया है जीवन दिया है उससे प्रीति करना जरूरी है उसका शुक्रिया के गीत गाए जाए,यह जरूरी है। उन्होंने कहा इतना ही नहीं इस नश्वर संसार में सब कुछ मित्य है बस केवल राम भजन ही सही है राम भक्ति नहीं करने पर मन पीछे पश्चाताप करता है निंदा करने में ही सारा जीवन बीत गया यह कुमति नहीं तो क्या है, ऐसे महान व बहादुर महापुरुष जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया उन्हें आज याद करते हुए उनकी वाणीयो को अमल करते हुए चलना चाहिए। पश्चात ज्ञानी सरवन सिंह ने कड़ा प्रसाद एवं समिति के सदस्यों के द्वारा बच्चों को गुरु जी के जयंती पर फल वितरण किया। अवसर पर त्रिलोचन सिंह, बैंस चरण सिंह, कमल सिंह जबल कमलजीत सिंह सोहल अमर देव भगत, हरविंदर सिंह सिहर, गुरप्रीत सिंह, सुखविंदर सिंह, मनदीप कौर, निशी गुप्ता एवं विद्यालय के शिक्षक, शिक्षकाएं तथा बच्चे उपस्थित रहे।