April 7, 2025

भक्त के जीवन रक्षा करने वाली माता अघोरेश्वरी की चमत्कारी घटना

0
IMG-20250406-WA0025
Spread the love

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। चैत्र नवरात्रि के इस पावन अवसर पर आज हम आपको ग्राम कुड़ुमकेला स्थित अघोरेश्वर भगवानराम आश्रम के पावन धाम में विराजमान माता काली की पावन महिमा की सत्य घटना के बारे में बताते हैं कैसे माता की कृपा से ही आश्रम में सेवा करने वाले बाबा पुनीराम जी की प्राणों की रक्षा हुई । घटना इस प्रकार की है कि बाबा पुनीराम जी आज से बीस साल पहले जब वे गृहस्थ जीवन में थे तो उस दरम्यान दिल्ली में रहकर रोजी-रोटी के लिए राजमिस्त्री का काम कर रहे थे ।

दिल्ली जैसे बड़े शहर में रहते हुए भी बाबा पुनीराम जी का हृदय माता की भक्ति में सदैव लीन रहा करता था । वे हर क्षण उस मां की आराधना में काम करते हुए भी लीन रहा करते थे जिसको वे ग्राम कुड़ुमकेला में भगवान राम आश्रम में रोज पुजा-आराधना-सेवा किया करते थे । दिल्ली जाकर भी उनका मां की पुजा का क्रम निरंतर चलता रहा । और उन्ही मां की कृपा से ही वे आज जिवित हैं और गृहस्थ जीवन त्यागकर वर्तमान में अघोर सम्प्रदाय के सर्वेसर्वा बाबा गौतमराम जी के आदेशानुसार मां की सेवा करते हुए अघोर आश्रम में अपना सेवा दे रहे हैं । बात सन् 2005 की है जब बाबा पुनीराम जी दिल्ली की डीडीसी बस में किसी काम से यात्रा कर रहे थे, यात्रा के दरम्यान उनके हृदय में मां की प्रति वही प्रेमाभाव उमड़ रहा था और वे उसी में डुबे बस में खड़े-खड़े यात्रा कर रहे थे , परंतु एकाएक मां काली की छवि उनके ह्दय में प्रकट होकर उन्हें बार-बार बस से उतरने को प्रेरणा देने लगी । पहले तो बाबा पुनीरामजी ने इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया परंतु जब मां बार-बार उनके ह्दय में यह प्रेरणा देने लगी तो उनको भी लगा कि शायद ये मां की कोई विशेष आज्ञा होगी जिसे पुरा करना ही पड़ेगा । ऐसे मानसिक पशोपेश की स्थिति में उन्होंने बस रुकवाने का प्रयास भी किया परन्तु अत्यधिक भीड़ की वजह से सुनसान जगह में बस नहीं रुकी। ऐसे में मां की प्रेरणा मानकर बाबा पुनीरामजी चलती बस से कूद गये और कूदने के बाद तो कुछ ही छणों में पुरा मंजर ही अत्यंत भयावह हो गया । बाबा पुनीरामजी के बस से कूदने के 20 से 25 मीटर दूरी ही बस आगे बढ़ पायी होगी कि अचानक बस में बड़े जोर का धमाका हुआ जिससे बस में सवार यात्रियों के चिथड़े उड़ गये, किसी का सिर, किसी का पैर, किसी का आधा शरीर के ही चिथड़े पड़े हुए थे । दरअसल आंतकियों ने बस में बम लगा रखा था और धमाका इतना जबरदस्त था कि चारों और लाशें ही लाशें दिखायी देने लगी । इतना भयानक बम विस्फोट की आवाज सुनकर और अपने चारों और लाशों और उनके चिथड़ो को देखकर कुछ समय तक तो बाबा पुनीराम ने अपना होशो-हवाश खो दिया परंतु कुछ देर में जैसे तैसे अपने को संभालते हुए उन्होंने मां को धन्यवाद दिया और तब उन्हे समझ में आया कि आखिर मां उन्हे क्यों बार-बार चलती बस से उतरने को प्रेरणा दे रही थी । तब उन्होंने तुरंत आकर अपने पत्नी को सामान पैक करके स्टेशन जाने की बात कही । और इस प्रकार वे पुनः अपने गांव कुड़ुमकेला पहुंचकर मां अघोरेश्वरी के दरबार मेें पहुंचकर भावावेश में फुट-फुट कर रोने लगे । तब से लेकर आजपर्यंत बाबा पुनीरामजी मां अघोरेश्वरी की सेवा में अपना तन,मन,धन समर्पित कर चुके हैं और अपना आखरी श्वास भी मां की सेवा में लगाना चाहते हैं । तो इस नवरात्रि ग्राम कुड़ुमकेला स्थित अघोरेश्वर भगवानराम आश्रम स्थित मां अघोरेश्वरी के दर्शन और बाबा पुनीरामजी से आशीर्वाद प्राप्त कर अपना जीवन धन्य जरूर करें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *