घायल की जान बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता,दोनों पहलुओं को रखकर संवेदनशीलता का परिचय दें वाहन चालक

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कलेक्टर ने हड़ताल वापसी के लिए माना आभार

उत्तर बस्तर कांकेर। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने आज विभिन्न ट्रांसपोर्ट युनियन और वाहन चालक संघ के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर जानकारी देते हुए कहा कि हिट एंड रन के नवीन एक्ट को लेकर किसी भी तरह से भयभीत या आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने गृह मंत्रालय भारत सरकार के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि आगे जब भी यह धारा लागू होगी, उसके पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ परामर्श करने के बाद ही आम सहमति से उचित निर्णय जाएगा।

बैठक में कलेक्टर ने परिवहन संघ के प्रतिनिधियों एवं वाहन चालकों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि हड़ताल वापसी के ऐतिहासिक निर्णय से आवश्यक सेवाओं निर्बाधित होंगी व आमजनता को काफी राहत मिलेगी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज शाम 5.30 बजे आयोजित बैठक में कलेक्टर ने उपस्थित ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधियों व वाहन चालकों को समझाइश देते हुए कहा कि धारा 106(2) के संबंध में किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें तथा औरों को भी इसकी उचित जानकारी देने में सहयोग करें।

घायल की जगह स्वयं को रखकर सोंचें

कलेक्टर सिंह ने बैठक में कहा कि वाहन चालक मानवीय पहलुओं को भी ध्यान रखकर सोचें। यदि कोई वाहन चालक स्वयं को घायल की जगह रखकर सोचे, तो उस समय उनकी  पहली प्राथमिकता क्या होगी। उन्होंने आगे कहा कि घायल की जान बचे, इसके लिए उसे तात्कालिक या आपातकालीन चिकित्सा मुहैया हो, यह बहुत ही जरूरी है क्योंकि किसी की जान से बढ़कर दुनिया में कोई भी चीज नहीं हो सकती। ‘हिट एंड रन‘ एक्ट को लेकर कलेक्टर ने स्पष्ट करते हुए बताया कि इसके लागू किए जाने की तिथि का उल्लेख नहीं है अतः इसके लागू होने को लेकर किसी प्रकार से आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही यह भी बताया कि सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के परामर्श व सहमति के बिना धारा 106(2) को लागू नहीं किया जाएगा।

सड़क दुर्घटना की स्थिति में क्या करें

बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारी ने कानूनी पहलुओं की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले तो सभी वाहन चालक अपने पास वैध कागजात रखें। यानी जीवित ड्राइविंग लायसेंस, वाहन के बीमा संबंधी कागजात और अन्य जरूरी दस्तावेज हमेशा रखें। इसके अलावा यह सुनिश्चित करें कि नशे की हालत में वाहन कतई न चलाएं तथा यातायात के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटना के तत्काल बाद घायल को अपने वाहन में बिठाकर नजदीकी अस्पताल में पहुंचाएं। यदि भीड़ की स्थिति बनती भी है तो टोलफ्री नंबर 108 या 112 पर कॉल इसकी सूचना अविलम्ब दें। इसके अलावा बिना समय गंवाए नजदीकी पुलिस थाना, मजिस्ट्रेट या कार्यपालिक दण्डाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर घटना घटित होने की जानकारी दें। इसके अलावा अन्य कानूनी पहलुओं की जानकारी बैठक में दी गई। इस दौरान वाहन चालकों एवं यूनियन के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें रखीं।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस. अहिरवार, बड़ी संख्या में वाहन चालक एवं ट्रांसपोर्ट युनियन के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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